
पुलवामा हमले को दो सप्ताह बाद भी भारत और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक और कूटनीतिक सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। पिछले तीन दिनों में जिस तेजी के साथ स्थिति में बदलाव हुआ है उसको देखते हुए अब भी हर तरफ से अनिश्चितता का माहौल बरकरार है। ऐसे में सबसे ज्यादा दुखद स्थिति पाकिस्तान की बनी हुई है। इसकी वजह उसके F-16 लड़ाकू विमान हैं। दरअसल F-16 लड़ाकू विमान इस्तेमाल को लेकर जहां पाक दुनिया भर में अपनी किरकिरी करवा रहा है वहीं अमेरिका इस मामले में पाक को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान द्वारा एफ-16 लड़ाकू विमान के गलत इस्तेमाल संबंधी रिपोर्टों पर उनका देश और जानकारियां जुटा रहा है।बता दे कि बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने बुधवार को अपने विमानों से भारतीय हवाई क्षेत्र का न सिर्फ उल्लंघन किया बल्कि इन विमानों का मकसद भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था। लेकिन समय रहते भारतीय विमानों ने उनका पीछा किया और तीन में से एक विमान को मार गिराया। भारत इस विमान को F-16 बता रहा है जबकि पाकिस्तान इसे दूसरा विमान बता रहा है। भारत ने इसको लेकर कुछ सुबूत मुहैया करवाए हैं जो यह बताते हैं कि भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसने वाले लड़ाकू विमान F-16 ही थे। गुरुवार को वायुसेना ने इसके सुबूत देते हुए कुछ तस्वीरें जारी की हैं।
यह तस्वीरें पहले पाकिस्तान की तरफ से दिखाई गई थीं और इस विमान के मलबे को भारतीय मिग बताया गया था। तस्वीरों में मलबे के पास पाकिस्तान के सात नॉर्दर्न लाइट इन्फैंट्री के अधिकारी खड़े दिखाए गए थे। लेकिन गुरुवार को वायुसेना ने इस झूठ की कलई खोलकर रख दी। वायुसेना ने कहा है कि यह मलबा उसी F-16 विमान का है जिसे भारतीय विमान ने मार गिराया था। इस विमान का यह मलबा पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर में पाया गया है।सबूतों के तौर पर नियंत्रण रेखा के पास मिले उस एमरॉम मिसाइल का टुकड़ा भी सामने रखा है, जो F-16 से ही दागी जा सकती है। यह राजौरी इलाके में मिला है। यहां पर बड़ा सवाल ये है कि आखिर इस विमान को अपना मानने और विमान के F-16 होने से आखिर क्यों पीछे हट रहा है।
ऐसा करने के पीछे दो वजह हैं। पहली वजह विमान के गिराए जाने से होने वाली पाकिस्तान की किरकिरी और दूसरी वजह वह नियम हैं जो अमेरिका ने F-16 विमान पाकिस्तान को देते हुए बनाए थे। यही वो वजह है जिसकी वजह से पाकिस्तान कई स्तर पर कमजोर हो गया है। दरअसल, 80 के दशक में अमेरिका ने इन विमानों को पाकिस्तान को दिया था। इस दौरान जो नियम बनाए गए थे वही नियम पाकिस्तान को F-16 को युद्ध के अलावा कहीं दूसरी जगहों पर इस्तेमाल करने से रोकता है। पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ सीमा संघर्ष में अमेरिका के साथ हुए ‘एंड-यूजर’ समझौते का उल्लंघन किए जाने संबंधी खबरों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम इन रिपोर्टों से अवगत हैं और जानकारियां जुटा रहे हैं।’’ रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल कोन फॉकनर ने कहा, ‘‘विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंधों में अप्रकटीकरण समझौते के कारण हम उसमें दर्ज एंड यूजर समझौतों के बारे में चर्चा नहीं कर सकते।’’
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