नई दिल्ली: कर्टनी बेकर ने 15 महीने पहले एमी को जन्म दिया था, जिसे डाऊन सिंड्रोम था। गर्भावस्था के दौरान पैरेंटल एक्सपर्ट डॉक्टर ने उन्हें सलाह दी थी कि डाऊन सिंड्रोम वाले बच्चे के साथ उन्हें आगे बढऩे के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। कर्टनी ने प्रेगनेंसी के दौरान खुद के साथ हुए एक घटना को बताया है कि कैसे अगर वह डॉक्टर की बात मान लेती, तो आज वह इस बच्ची की मां ना होती। ये बच्ची पैदा ही नहीं होती। लेकिन मेरा आत्म विश्वास जीत गया और आज मैं और मेरी बेटी दोनों स्वस्थ है।
जीता एक मां का विश्वास
कर्टनी ने कहा- डॉक्टर ने मुझसे कई बार यह बात कही थी, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी। डॉक्टर का कहना था कि हो सकता है कि नए बच्चे से उनके परिवार की जिंदगी बहुत मुश्किल हो जाए। लेकिन एमी अब 15 महीने की हो चुकी है और बिल्कुल ठीक है। वह सामान्य बच्चों जैसा व्यवहार करती है। अन्य बच्चों के साथ खेलती है। कर्टनी ने एक पत्र लिखा, जिसे एमी के हाथ से उसी डॉक्टर को पोस्ट कराया और उसे पार्कर माइल्स के फेसबुक पेज पर अपलोड किया। उनकी पोस्ट वायरल हो गई, जिसे मात्र एक दिन में 64,000 लाइक्स और कमेंट और 3000 से अधिक बार शेयर किया है।
पढ़े कर्टनी का पत्र-
डियर डॉक्टर,
मैं आपके पास अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल वक्त में आई थी। मैं डरी हुई थी, निराश थी। मुझे मेरे बच्चे की जानकारी नहीं थी, जो मैं आपसे जानने आई थी। बजाय सहयोग और प्रोत्साहन के, आपने मुझे गलत फैसला लेने के लिए कहा। मैं नही मान सकती कि उससे हमारा जीवन मुश्किल हो जाएगा। आज मैं कहती हूं कि एमी बिल्कुल ठीक है। आपको पता नहीं है, उसकी उंगलियां कितनी अच्छी है, उसकी कोमलता, उसका अहसास, उसकी धड़कन, उसकी आंखें, उसके कान हमेशा मुझे रोक देते हैं। आज मैं प्रार्थना करती हूं कि हर सोनोग्राफी मे आपको एमी जैसी सुंदरता और निस्वार्थ प्रेम नजर आए। मैं प्रार्थना करती हूं कि जब आप अगली बार गर्ब में डाऊन सिंडोम वाले बच्चे को देखें, तो उसकी मां से कहें- आपका बच्चा बिल्कुल ठीक है।