सऊदी अरब दुनिया का फोकस पॉइंट बनना चाहता है। सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दुनिया के सबसे आधुनिक शहरों को बसाने का ख्वाब देखा है। प्रिंस चाहते हैं कि सऊदी की निर्भरता तेल से खत्म होकर टूरिज्म और अन्य क्षेत्रों की ओर बढ़े। किंगडम का लक्ष्य दुनिया की सबसे ऊंची इमारतें, भविष्य का शहर और एक नकली चंद्रमा का निर्माण करना है। बड़े निवेश के जरिए सऊदी अरब विजन 2030 के रूप में 15 महत्वाकांक्षी परियोजना बनाना चाहता है। इसमें लाइन सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। लेकिन उनकी यह योजना फेल होती दिख रही है। इन शहरों के लिए ऐसी तकनीक का प्रचार किया गया जिनका अभी तक आविष्कार भी नहीं हुआ है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सऊदी की तेल पर निर्भरता आसानी से नहीं खत्म होने वाली।
द लाइन परियोजना में 170 किमी लंबा शहर होगा। लेकिन अब नाटकीय रूप से इसका आकार कम कर दिया गया है। विश्लेषक भी इस परियोजना के बारे में लंबे समय से संदेह जताते रहे हैं। एक पूर्व कर्मचारी ने द लाइन को वास्तविकता से दूर बताया था। 2022 की ब्लूमबर्ग जांच में 25 कर्मचारियों का इंटरव्यू लिया गया। इसके अलावा 2700 पन्नों वाले आंतरिक डॉक्यूमेंट्स को रिव्यू किया गया, जिसके मुताबिक यह प्रोजेक्ट असफलताओं और देरी से घिरा हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक सऊदी 2024 के लिए NEOM के बजट को मंजूरी में विफल रहा है। कथित तौर पर NEOM के भारी खर्च से अधिकारियों को चिंता होने लगी है, जिसका साफ अर्थ है कि सऊदी अरब की जबरदस्त संपत्ति उतनी असीमित नहीं हो सकती जितना पहले माना जा रहा था।
पहले भी उठते रहे हैं सवाल – विजन 2030 से जुड़ी कई परियोजनाएं इस दशक के अंत की तारीख से आगे बढ़ सकती हैं। वित्त मंत्री मोहम्मद अल जादान ने दिसंबर में कहा था कि परियोजना को कारखानों और पर्याप्त मानव संसाधन के निर्माण के लिए ज्यादा समय की जरूरत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रोजेक्ट में देरी या विस्तार कई परियोजनाओं के लिए अच्छा होगा। इस बात को लेकर सवाल पहले भी उठते रहे हैं कि क्या NEOM और द लाइन को जमीन पर उतारा जा सकता है? पिछले साल आर्किटेक्ट एटिने बौ-अब्दो ने कहा था कि यह किसी वीडियो गेम के शहर जैसा लगता है। उन्होंने दावा किया कि इसे बनाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी चाहिए जो आज के समय हमारे पास नहीं है।
प्रोजेक्ट का आकार हुआ कम – लाइन पहले 170 किमी लंबा और 200 मीटर चौड़ा होता। द लाइन शीशे की दीवारों के अंदर बसा शहर होता। इसके अंदर हर वह लग्जरी मौजूद होती, जिसके बारे में एक इंसान सपने में सोच सकता है। रेगिस्तान में बने इस शहर के अंदर एक सिंथेटिक स्की रिसॉर्ट भी होता। यहां रहने वाले 15 लाख लोगों को रोबोट और एआई के जरिए सुविधा दी जानी थी। लाइन को 2030 तक 15 लाख निवासियों का घर बनाना था। लेकिन अब इसमें 3 लाख लोगों को बसाया जाएगा। इसके अलावा यह सिर्फ 2.4 किमी तक फैला होगा। यह दिखाता है कि सऊदी विदेशी निवेश इस प्रोजेक्ट के लिए नहीं ला पा रहा है।
Home / News / टूट गया प्रिंस सलमान का सपना? नकली चांद और सबसे ऊंची बिल्डिंग… ‘फेल’ होता दिख रहा सऊदी का द लाइन प्रोजेक्ट