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अमेरिका से यूरोप तक बरस रही आग, चीन में पारा 52 डिग्री पार, जानें भीषण गर्मी की वजह


दुनिया के कई हिस्सों में लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव इससे साफ देखे जा रहे हैं। अमेरिका की राष्ट्रीय मौसम सेवा के मुताबिक 11.3 करोड़ से ज्यादा अमेरिकी वर्तमान में किसी न किसी सरकारी वॉर्निंग के तहत हैं। अमेरिका, यूरोप से लेकर चीन तक भयंकर गर्मी को महसूस किया जा सकता है। अमेरिका में रिकॉर्ड तोड़ तापमान देखने को मिल रहा है। एल पासो में लगातार 27 दिनों तक तापमान ने 1994 के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
इसी तरह यूके में जून में भीषण तापमान को महसूस किया गया है, जो सभी रेकॉर्ड पार कर चुका है। हीटवेव 1940 के अपने रिकॉर्ड से 0.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। उत्तरी अफ्रीका, खाड़ी देशों और एशिया में भयंकर गर्मी देखी जा रही है। यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फॉरकास्ट के आंकड़ों के मुताबिक जून 2023 विश्व स्तर पर रिकॉर्ड सबसे गर्म महीना था, जो हीटवेव की तीव्रता को दिखाता है। चीन और जापान में भी भयंकर गर्मी की स्थिति बनी हुई है।
ग्लोबल वॉर्मिंग है कारण – चीन में रविवार को अब तक का सबसे गर्म दिन देखने को मिला। चीन के शिंजियांग में पारा 52.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं अगर जापान की बात करें तो 2018 में सबसे गर्म तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जिसके रिकॉर्ड की जल्द टूटने की उम्मीद है। एक्सेटर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रिचर्ज बेट्स का कहना है कि जलवायु वैज्ञानिकों के लिए यह कोई आश्चर्य नहीं है। क्योंकि जलवायु मॉडल पहले ही गर्म दिनों की भविष्यवाणी कर चुके हैं। वह कहते हैं कि यह भीषण गर्मी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण है।
ग्रीस में लगी आग – यूरोप में दोपहर में भीषण गर्मी के कारण ज्यादातर लोग अपने घरों में कैद हैं। गर्मी के कारण दुनिया के कई हिस्सों में भयंकर आग लगने की घटनाएं भी देखने को मिल रही हैं। दक्षिणी ग्रीस में जंगल में आग लगने की घटना देखने को मिली है। यहां से 1,200 बच्चों को हॉलिडे कैंप से निकाला गया है। उन्होंने कहा कि जंगल की आग तेज हवाओं के कारण ज्यादा भड़क गई। जिस जगह आग लगी है, रिपोर्ट के मुताबिक वहां 17,000 से ज्यादा लोग हैं। हालांकि यह सभी लोग सुरक्षित हैं।