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पहले धंसा एक पिलर फिर झुकने लगा ब्रिज, 10 मिनट में नदी में समाया 1700 करोड़ का पुल


बिहार में खगड़िया-अगुवानी- सुल्तानगंज के बीच 1700 करोड़ से ज्यादा की रकम से बना रहा पुल रविवार शाम 6 बजे गंगा नदी में समा गया. लोगों ने पुल को ध्वस्त होता हुआ अपने मोबाइल में कैद दिया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पहले पुल का एक पाया (खंबा) करीब 3-4 फीट तक धंस गया था. इसके बाद निर्माणाधीन पुल एक तरफ झुकना शुरू हो गया था. इलाके में हंगामा मच गया और कई सारे लोग किनारे पर जमा हो गए.
लोगों के मुताबिक, 10 मिनट के भीतर ही एक तरफ झुकता पुल धड़ाम से गंगा नदी में जा गिरा. तीन पाए पर टिके 30 के स्लैब नदी में समा गए हैं. पुल के गिरने के बाद नदी में लहरें तेज हो गईं. नदी के किनारे जाने के लिए नाव में बैठे लोग नाव के कूदकर अपनी जान बचाने के लिए भागे. किनारे पर मौजूद नावों को लोगों ने दौड़कर लोगों को और नाव को पानी से बाहर निकाला. लोगों ने कहा कि पहले भी इस पुल का हिस्सा गिर गया था.
सीएम नीतीश ने किया था शिलान्यास – दरअसल, भागलपुर के सुल्तानगंज स्थित अगुवानी घाट गंगा नदी पर 1710 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे निर्माणाधीन फोरलेन पुल का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 फरवरी 2014 को शिलान्यास किया था. पुल की लंबाई 3.160 किलोमीटर थी. इसका निर्माण 80% पूरा हो चुका था. इस ब्रिज का 10,11 और 12 नंबर का पाया (खंबा) रविवार शाम ढह गया. लोगों के मुताबिक, पहले एक पाया धंस गया था, इसके बाद से ही ब्रिज एक तरफ झुकना शुरू हो गया था और अंत में तीन पाए ढह गए और उन पर टिके करीब 30 स्लैब नीचे आ गिरे.
तेज हवा से गिरा था पुल का स्लैब: सुल्तानगंज विधायक – पुल गिरने पर सुल्तानगंज के जेडीयू विधायक प्रोफेसर ललित मंडल ने बताया कि घोर-अनियमितता के चलते ऐसी घटना हुई है. यह कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी 2022 में तेज हवा के आने से पुल का स्लैब नीचे गिर गया था और इस बार तो पूरा पुल ही ध्वस्त हो गया. हमें तो लगा था कि इस साल नवंबर-दिसंबर में इस पुल का उद्घाटन हो जाएगा, लेकिन इस तरह के हादसे हो रहे हैं ये जांच का विषय है.
सीएम नीतीश ने दिए जांच के आदेश – पुल ढह जाने के मामले में सीएम नीतीश ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, इस हादसे को लेकर डीडीसी भागलपुर कुमार अनुराग ने जानकारी देते हुए कहा कि पुल के ध्वस्त होने के कारण किसी तरह की जनहानी नहीं हुई है. प्रशासन की टीम मौके पर मौजूद है. हमने पुल निर्माण निगम से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है.
कम हो जाती झारखंड की दूरी – बताया गया कि यदि विक्रमशिला पुल और मुंगेर पुल के बीचोंबीच सुल्तानगंज अगवानी महासेतु पर यातायात चालू हो जाता तो बिहार और झारखंड के दूरी कम हो जाती. लोगों को साहिबगंज, गोड्डा, दुमका, महागामा जाने में 20 से 30 किलोमीटर तक कम दूरी तय करनी पड़ती.
नेता प्रतिपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना – निर्माणाधीन पुल गिरने पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस का एक और नया रूप सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि 2014 में 600-700 करोड़ की लागत वाला पुल करीब 1600 करोड़ की लागत तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि कमीशनखोरी के चक्कर में उच्च अधिकारियों के जरिए पैसे की वसूली की जा रही है. इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए. बिहार की जनता इसे कभी माफ नहीं करेगी.