
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के बीच राष्ट्रपति पद के लिए पहली आधिकारिक बहस (प्रेसिडेंशियल डिबेट) 29 सितंबर को होगी। अमेरिका में तीन नवम्बर को होने वाले चुनाव से पहले ट्रंप और बाइडेन के बीच तीन बार इस तरह की बहस होगी। ‘फॉक्स न्यूज’ के मशहूर एंकर क्रिस वालास पहली बहस का संचालन करेंगे।
‘सी-स्पैन नेटवर्क्स’ के स्टीव स्कली 15 अक्टूबर को मियामी (फ्लोरिडा) में होने वाली दूसरी बहस और ‘एनबीसी न्यूज’ की क्रिस्टन वेलकर 20 अक्टूबर को नैशविले (टेनेसी) में तीसरी बहस का संचालन करेंगी। उप राष्ट्रपति माइक पेंस (61) और उप राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस (55) के बीच सात अक्टूबर को उटा के ‘सॉल्ट लेक’ में उप राष्ट्रपति पद के लिए की बहस होगी।
‘यूएसए टूडे’ की पत्रकार सुसन पेज इसका संचालन करेंगी। सभी चार बहस ‘कमिशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट्स’ (सीबीडी) की ओर से आयोजित की जा रही हैं। ये बहस 90 मिनट की होंगी। अगस्त में, सीपीडी ने राष्ट्रपति पद के लिए सितंबर की शुरुआत में बहस का आयोजन कराने के ट्रंप अभियान दल के अनुरोध को ठुकरा दिया था। वहीं ट्रंप ने रविवार को पत्रकारों से कहा था कि न्यूजर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी और न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर रूडी गिलियानी उन्हें बहस के लिए तैयारी करने में मदद कर रहे हैं।
अमेरिका के चुनाव का नतीजा लोगों के डाले वोट से ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज के वोट पर निर्भर करता है। हर स्टेट को इलेक्टोरल वोट्स की तय संख्या अलॉट की जाती है। इन्हें इलेक्टर्स की तय करते हैं। वे अपने स्टेट्स के हिसाब से वोट डालते हैं।
पूरे देश में 538 इलेक्टर्स होते हैं, जो चुनाव के नतीजे तय करते हैं। 2016 के चुनाव में ट्रंप को 306 इलेक्टोरल वोट मिले थे जबकि क्लिंटन को 232। हालांकि, कुल वोटों की बात की जाए तो क्लिंटन को 48.2% वोट मिले थे जो ट्रंप के 46.1% वोट से ज्यादा थे।
भारत में जो चुनाव होते हैं उनके नतीजे सीधे आम लोगों के वोटों से मिले बहुमत पर निर्भर होते हैं। जिसे भी ज्यादा वोट मिलते हैं, भले ही बेहद कम हो, वे अपने राज्य या क्षेत्र में चुनाव जीत जाता है। भारत में पार्टी सिस्टम भी अमेरिका से अलग है। अमेरिका में जहां टू-पार्टी सिस्टम है यानी सिर्फ डेमोक्रैटिक या रिपब्लिक पार्टी के बीच टक्कर होती है, वहीं भारत में बहुपार्टी सिस्टम है।
भारत में वोटों के आधार पर चुनाव के नतीजे कैसे तय होते हैं, यह 2019 के आम चुनावों से समझा जा सकता है। इन चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 37.6% वोट मिले थे। हालांकि, इनके आधार पर बीजेपी ने सदन में 303 सीटें जीत लीं यानी हर सीट के लिए सीधे आम जनता के वोटों के आधार पर ही बीजेपी को जीत मिली।
21.41 करोड़ रजिस्टर्ड वोटरों के साथ यह अमेरिका का चुनाव होने वाला है लेकिन भारत की तुलना में यह फिर भी काफी कम है। इंस्टिट्यूट फॉर डेमोक्रेसी ऐंड इलेक्टोरल असिस्टेंस के मुताबिक पिछले साल हुए आम चुनाव में भारत में 91 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर थे। यह संख्या अमेरिका की आबादी का तीन गुना है।
ट्रंप ने बाइडेन के ‘ड्रग टेस्ट’ कराने की मांग की
इससे पहले दिन में ट्रंप ने ट्वीट कर बहस से पहले बाइडेन के ‘ड्रग टेस्ट’ कराने की मांग की थी। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘मैं बहस से पहले या बाद में जो बाइडेन के ड्रग टेस्ट कराने की मांग करता हूं। मैं भी यकीनन यह कराने को तैयार हूं। बहस में उनका प्रदर्शन हमेशा असमान रहा है। केवल ड्रग ही इन विसंगतियों का कारण हो सकते हैं।’ संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में ट्रंप ने एक बार फिर बाइडेन के बहस से पहले ‘ड्रग टेस्ट’ कराने की मांग दोहराई।
ट्रंप ने कहा कि वह भी इसे कराएंगे। ट्रंप ने कहा, ‘मैं ड्रग टेस्ट कराने को तैयार हूं। मुझे लगता है कि उन्हें भी कराना चाहिए… वह काफी असंगत रहे हैं… आपको पता है मैं किस बारे में बात कर रहा हूं। अगर आपने वे कुछ बहस देखीं होगी तो, मैं कहूंगा कि ऐसा कोई तरीका नहीं है, जिससे यह जारी रखा जा सके। वह इसे जारी नहीं रख सकते।’ बाइडेन ने अभी तक ट्रंप की इन टिप्पणियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इस बीच, कांग्रेस के 70 से अधिक सदस्यों ने सीपीडी को पत्र लिख जलवायु परिवर्तन को बहस का विषय बनाने की अपील की है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए पहली बार 26 सितम्बर 1960 को बहस हुई थी।
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