वाशिंगटन: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद से माइकल फ्लिन द्वारा इस्तीफा दिए जाने के संदर्भ में व्हाइट हाऊस ने कहा है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘विश्वास कम होने’ के चलते उनसे इस्तीफा मांगा, न कि किसी कानूनी मुद्दे के चलते। यह ट्रंप के शीर्ष सलाहकार के रूस के साथ संपर्क और संबंधों को लेकर जारी विवाद से राष्ट्रपति को दूर रखने की कवायद है।
व्हाइट हाउस के प्रैस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा, ‘‘हम सच्चाई का पता लगाने के लिए पिछले कुछ सप्ताह से नियमित आधार पर जनरल फ्लिन से जुड़े इस मुद्दे की समीक्षा और आकलन कर रहे थे।’’ व्हाइट हाउस ने यह स्वीकार किया कि ट्रंप को तीन हफ्तों पहले यह बताया गया था कि संभवत: फ्लिन ने 20 जनवरी को ट्रंप के पदभार संभालने से पहले रूस से साथ संपर्कों के बारे में सहयोगियों को गुमराह किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी कानूनी मुद्दे के आधार पर नहीं बल्कि राष्ट्रपति और जनरल फ्लिन के बीच विश्वास के स्तर के आधार पर इस बिंदु पर पहुंचे हैं। हमने पाया कि दोनों के बीच के विश्वास का स्तर इस कदर कमजोर हो गया था कि राष्ट्रपति को लगा कि बदलाव करना ही होगा। राष्ट्रपति इस बात से बेहद चिंतित थे कि जनरल फ्लिन ने उपराष्ट्रपति और अन्य को गुमराह किया।’’ 58 वर्षीय फ्लिन ने कल इस्तीफा दे दिया था।
इस्तीफा देने से पहले उन्होंने ट्रंप और उपराष्ट्रपति माइक पेंस से इस बात के लिए माफी मांगी थी कि उन्होंने ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले रूसी राजदूत सरगई किस्लेयक के साथ हुई अपनी बातचीत से जुड़ी सारी जानकारी इन दोनों को नहीं दी थी। स्पाइसर ने कहा कि ट्रंप इस बात को लेकर भी चिंतित थे कि चीन, उत्तर कोरिया और पश्चिम एशिया के संदर्भ में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत करने वाला व्यक्ति एेसा होना चाहिए जिसपर राष्ट्रपति को पूरा भरोसा हो।