
लिपुलेख-धाराचूला (Lipulekh Dharchula Road) सड़क निर्माण को लेकर भारत (India Nepal Border Dispute) के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाए हुए नेपाल से अब नरम सुर सुनाई देना शुरू हुए हैं। नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा (Kamal Thapa) ने राम मंदिर निर्माण को लेकर खुशी जाहिर की है।
लिपुलेख और कालापानी विवाद के बीच पूर्व नेपाली उप प्रधानमंत्री कमल थापा ने संबंधो को नई दिशा देने की पहल की। उन्होंने ट्वीट कर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने पर खुशी जाहिर की। बता दें कि लिपुलेख में सड़क निर्माण को लेकर नेपाल के आक्रामक रवैये से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव देखने को मिल रहा है।
कमल थापा ने ट्वीट किया कि भगवान रामचंद्र की जन्मस्थली अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, यह सुनकर बहुत खुशी हुई। वास्तव में यह नेपाल के लोगों के लिए भी एक खुशी का क्षण है क्योंकि यहां सीता माता का जन्म हुआ था। उन सभी को बधाई, जिन्होंने मंदिर की लंबी लड़ाई को लड़ा और जीत हासिल की।
नेपाल और भारत के रिश्तों में दरार?
पिछले दिनों धारचूला से लिपुलेख तक नई रोड का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से उद्घाटन किया गया था। इस रोड पर काठमांडू ने आपत्ति जताई थी। इस रोड से कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों की दूरी कम हो जाएगी। नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा को तलब कर लिया था।
क्या है विवाद?
वर्तमान विवाद की शुरुआत 1816 में हुई थी। तब ब्रिटिश के हाथों नेपाल के राजा कई इलाके हार गए थे जिनमें लिपुलेख और कालापानी शामिल हैं। इसका ब्यौरा सुगौली की संधि में मिलता है। दोनों देश आपसी बातचीत से सीमा विवाद का हल निकालने की पैरवी करते आए हैं मगर अब नेपाल के रुख में बदलाव साफ संकेत दे रहा है कि चीन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। नेपाल ने अब चांगरु में कालापानी के नजदीक आर्म्ड पुलिस फोर्स का आउटपोस्ट बनाया है।
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