
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुखिया और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उपचुनावों से पहले एक बड़ा फैसला किया है। इमरान पर अयोग्य साबित होने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में उन्होने 16 मार्च को होने वाले उपचुनावों में 33 सीटों पर न लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में उन्हें अयोग्य साबित करने वाली याचिका के खिलाफ अपील की है। इमरान पर आरोप है कि उन्होंने नामांकन दायर करते समय अपनी बेटी के बारे में जानकारी छिपाई है। इमरान की एक सीक्रेट बेटी है जिसका नाम टाइरियन व्हाइट खान है और पहली बार दिसंबर 2022 में इसके बारे में दुनिया का पता लगा था। नौ फरवरी को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है और इसमें पता लगेगा कि इमरान चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं।
बिना शादी के जन्मी बेटी – इमरान के खिलाफ दिसंबर 2022 में इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि इमरान ने जब साल 2018 में प्रधानमंत्री का चुनाव लड़ा था तो उन्होंने अपनी बेटी टाइरियन के बारे में कई जानकारियों को छिपाया था। ऐसा कहा जाता है कि टाइरियन, इमरान और सीता व्हाइट की बेटी हैं जिनका जन्म इनके अफेयर के दौरान हुआ था। साल 1997 में कैलिफोर्निया की कोर्ट की तरफ से एक फैसला दिया गया था। इस फैसले के तहत टाइरियन को इमरान की बेटी घोषित किया गया था। उस समय क्रिकेटर से नेता बने इमरान ने डीएनए टेस्ट देने से इनकार कर दिया था।
कैसे मिले सीता से – इमरान ने कभी टाइरियन को अपनी बेटी नहीं माना। लेकिन जून 2022 में फादर्स डे के मौके पर इमरान की पूर्व पत्नी जेमिमा ने टाइरियन की बेटी की फोटो ट्वीट कर यह राज दुनिया के सामने लाकर रख दिया। टाइरियन इस समय लंदन में रहती हैं और कहा जाता है कि इमरान ने उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया कराई हुई हैं। इमरान और सीता की मुलाकात सन् 1987-88 में उस समय हुई जब वह इंग्लैंड के दौरे पर गए थे। यहां पर एक नाइट क्लब में दोनों मिले थे।
बेटी की बात सुनते ही नाराज – सीता जो पहले से ही शादीशुदा थीं, इमरान को देखते ही उन्हें प्यार करने लगी थीं। इटली की रहने वाली सीता से इमरान आखिरी बार साल 1991 में मिले थे। इसी समय सीता ने पूर्व पीएम को बताया कि वह गर्भवती हैं। कहते हैं कि इमरान को जब यह पता लगा कि वह एक बेटी के पिता बनने वाले हैं तो उन्हें यह बात पसंद नहीं आई। इमरान बेटा चाहते थे और बेटी की बात सुनकर उन्होंने सीता से एबॉर्शन तक कराने की बात कह डाली थी। जब इमरान ने बेटी को उसका हक नहीं दिया तो सीता ने कानून का सहारा लिया था।
बेटों को दिया पूरा हक – पूर्व पीएम ने जिस समय नामांकन फाइल किया उन्होंने जेमिमा से पैदा हुए बेटों 26 साल के सुलेमान और 23 साल के कासिम को ही अपनी संतान माना। सन् 1995 में इमरान ने जेमिमा गोल्डस्मिथ से शादी की थी। इमरान के खिलाफ जो अपील दायर की गई उसमें कहा गया कि इमरान संविधान के अनुच्छेद 62 के तहत एक बुद्धिमान, ईमानदार और अच्छे चरित्र के पुरुष नहीं हैं। इमरान ने साल 2018 में नौ सीटों पर चुनाव लड़ा था।
33 सीटों का क्या होगा – जब इमरान ने 33 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया तो यह अपने आप में एक रेकॉर्ड साबित हुआ। पिछले दिनों जब पाकिस्तान की राष्ट्रीय सभा के स्पीकर राजा परवेज अशरफ ने पीटीआई के सांसदों के इस्तीफे स्वीकार किया था तो ये सीटें खाली हो गई थीं। सूत्रों के मुताबिक इमरान ने पार्टी के पूर्व सांसदों से कहा है कि वो उपचुनावों के लिए नामांकन दायर करें।
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