
पिछले साल अप्रैल में दो रेडियो टेलिस्कोप्स ने पहली बार धरती के करीब फास्ट रेडियो बर्स्ट को डिटेक्ट किया था। ये हमसे 30 हजार प्रकाशवर्ष दूर थी। ये पलक झपकते ही ओझल हो गई थी। इसके पहले FRBs को हमारी गैलेक्सी के अंदर डिटेक्ट नहीं किया गया था। ये अरबों प्रकाशवर्ष दूर से गुजरा करती थीं, इसलिए इन्हें स्टडी करना आसान नहीं था। अब माना जा रहा है कि इस FRB के स्रोत का पता भी चल सकता है।
कनेडियन हाइड्रोजन इंटेंसिटी मैपिंग एक्सपेरिमेंट (CHIME) और सर्वे फॉर ट्रांजियंट ऐस्ट्रोनॉमिकल रेडियो एमिशन (STARE2) ने इसे डिटेक्ट किया था। मैसच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में असिस्टेंट प्रफेसर ऑफ फिजिक्स कियोशी मासुई का कहना है कि ये ऐसे स्रोत से आते हैं जो कुछ सौ किलोमीटर बड़ा ही होगा। संभावना है कि ये न्यूट्रॉन स्टार से आती हो क्योंकि दोनों बहुत छोटे और एनर्जी से भरे होते हैं।
अभी तक 15 हजार के आसपास तरंगें जिन गैलेक्सीज से आ रही हैं, उन्हें डिटेक्ट किया गया है। इस बार क्लस्टर तरंगों के आने से इसके पीछे की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलने की उम्मीद है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की ऐस्ट्रोनॉमर मैनिंग्स ने नए नतीजों को उत्साहजनक बताया है। उनका कहना है कि पहली बार इतने FRBs को हाई रेजॉलूशन में देखा गया है और हबल ने दिखाया है कि ये एक गैलेक्सी की स्पाइरल आर्म पर या पास में हैं। ज्यादातर विशाल गैलेक्सी अभी नई हैं और इनमें सितारे बन रहे हैं। FRBs की पहचान से गैलेक्सी के द्रव्यमान और उसमें बनने वाले सितारों की गति को समझा सकता है।
गैलेक्सी में जहां से FRB आ रहे हैं, वहां क्या हो रहा है, यह भी समझा जा सकता है। सूरज जितनी ऊर्जा एक साल में उत्सर्जित करता है, FRB उतनी एक पल के हजारवें हिस्से में करते हैं। ऐसे में उनके बारे में जो खोज होगी, उससे उनके बारे में ज्यादा समझने में मदद मिलेगी। समस्या यह होती है कि ये इन्हें सिर्फ कुछ मिलिसेकंड के लिए ऑब्जर्व किया जा सकता है और ये कब होंगी, इसके बारे में पता नहीं होता। इससे उनके स्रोत या वजह के बारे में पता करना मुश्किल होता है।
किसी गैलेक्सी में स्पाइरल आर्म्स पर सबसे नए और गर्म सितारे होते हैं। कोई FRB जहां से आ रही है, उस आधार पर गैलेक्सी के बारे में समझा जा सकता है। ये पांच FRB आर्म के सबसे चमकीले हिस्से से नहीं आई हैं। इस आधार पर माना जा रहा है कि ये Magnetar से आ रही हो सकती हैं। ये ऐसे घने सितारे होते हैं जिनका चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field) बहुत शक्तिशाली होता है। विशाल सितारे जब न्यूट्रॉन स्टार बन जाते हैं, तो मैग्नेटाइज भी हो सकते हैं। इससे इनसे चमक निकलती है और सतह पर होने वाली चुंबकीय प्रक्रियाओं से रेडियो लाइट भी उत्सर्जित हो सकती है।
कहां से आईं FRB? : दूसरे टेलिस्कोप्स से मिले डेटा के आधार पर माना जा रहा है कि ये FRB किसी मैग्नेटर से आए होंगे। ये ऐसे न्यूट्रॉन स्टार होते हैं जो किसी सुपरनोवा से बनते हैं और इनकी मैग्नेटिक फील्ड धरती से 5 हजार ट्रिल्यन गुना ज्यादा शक्तिशाली होती है। इससे ये ब्रह्मांड के सबसे शक्तिशाली चुंबक माने जाते हैं।
ऐसी संभावना इसलिए ज्यादा जताई जा रही क्योंकि इनकी उत्पत्ति Vulpecula तारामंडल की है और वहीं एक गैलेक्टिक मैग्नेटार SGR 1935+2154 भी मौजूद है। इसी दौरान इससे निकलने वाली एक्स-रे बर्स्ट को भी डिटेक्ट किया गया।
स्रोत की खोज अहम, मुश्किल : गैलेक्सी में जहां से FRB आ रहे हैं, वहां क्या हो रहा है, यह भी समझा जा सकता है। सूरज जितनी ऊर्जा एक साल में उत्सर्जित करता है, FRB उतनी एक पल के हजारवें हिस्से में करते हैं। ऐसे में उनके बारे में जो खोज होगी, उससे उनके बारे में ज्यादा समझने में मदद मिलेगी। समस्या यह होती है कि ये इन्हें सिर्फ कुछ मिलिसेकंड के लिए ऑब्जर्व किया जा सकता है और ये कब होंगी, इसके बारे में पता नहीं होता। इससे उनके स्रोत या वजह के बारे में पता करना मुश्किल होता है।
Home / News / FRBs: हमारी आकाशगंगा Milky Way में घूम रहा रहस्यमय सिग्नल, ब्रह्मांड के सबसे शक्तिशाली चुंबक से निकला?
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