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बार-बार यूरिन इन्फेक्शन, बच्चेदानी में गांठ का संकेत, डॉक्‍टर बोले – ‘जरूरी नहीं है’


अगर आपको अक्‍सर यूरिन इंफेक्‍शन हो जाता है, तो इग्‍नोर ना करें। डॉक्‍टर के पास जाकर चैक कराएं कहीं बच्‍चेदानी में गांठ तो नहीं है। कम से कम इंस्‍टाग्राम पर मौजूद एक रील तो यही दावा करती है। इस दावे काे परखने का काम सजग फैक्‍ट चेक टीम ने किया है। आप भी निष्‍कर्ष देखिए।
महिलाओं में यूटीआई यानी यूरिनरी ट्रेक्‍ट इंफेक्‍शन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खराब डाइट, बिगड़ती लाइफस्‍टाइल के अलावा इसके होने की कई वजह हैं। बार-बार होने वाली सह समस्या असुविधाजनक और दर्दनाक भी हो सकती है। हालांकि, कई लोग दवा या घरेलू उपाय करके इसे ठीक कर लेते हैं, लेकिन इसका इलाज कराना जरूरी है।
इंस्टाग्राम पर pare.ntingguides नाम के अकाउंट पर मौजूद एक रील में बताया गया है कि यूरिन इंफेक्‍शन बच्‍चेदानी में गांठ का संकेत भी हो सकता है। इस बात को सच मानने से पहले एक्‍सपर्ट की राय लेना जरूरी है। सजग फैक्‍ट चेक टीम ने दावे की जांच की और सच्चाई का पता लगाया । आप भी जान लें निष्‍कर्ष।
दावा क्‍या है? – रील में दावा किया गया है कि अगर किसी महिला की बच्‍चेदानी में गांठ है, तो शुरुआत में उसे 3 लक्षण दिखाई देते हैं। जिनमें एक से एक हे यूरिन इंफेक्‍शन। कई बार बच्‍चेदानी में गांठ होने से बार-बार पेशाब आती है, यूरिन में जलन और दर्द के साथ इंफेक्‍शन भी बढ़ जाता है।
दावे का सच – दावे का सच जानने के लिए हमने नई दिल्‍ली के एलांटेस हेल्‍थकेयर के ऑब्‍स्‍ट्रेटिकस एंड गायनाकोलॉजी के चेयरमैन और एचओडी डॉ. मनन गुप्‍ता से बात की। उनके अनुसार, यूटीआई और यूटेरिन फाइब्रॉइड्स दोनों ही महिलाओं के लिए चिंता की बात है। लेकिन यूरिन इंफेक्शन होना बच्‍चेदानी में गांठ का संकेत है , ऐसा जरूरी नहीं होता। हालांकि, दोनों के बीच कुछ संबंध है, जिसे समझना जरूरी है।
हर यूटीआई फाइब्रॉइड नहीं – ज्‍यादातर यूटीआई बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन ई कोली के कारण होते हैं। इनका फाइब्रॉइड से कोई लेना देना नहीं है। जबकि कुछ मामले में बड़े फाइब्रॉइड ब्‍लैडर पर दबाव डालते हैं, जिस वजह से इसे पूरी तरह से खाली करना मुश्किल हो जाता है। इस तरह की स्थित में बैक्‍टीरिया के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। जिससे बार-बार यूटीआई होता है।
क्‍या फाइब्रॉयड यूटीआई की मुख्‍य वजह है? – डॉक्टर कहते हैं कि बार-बार पेशाब आने के कई कारण होते हैं। जिसमें यूटीआई, ओवरएक्टिव ब्‍लैडर, डायबिटीज शामिल है। जब‍कि ब्‍लैडर की तरफ बढ़ने वाले इंट्राम्‍यूरल फाइब्रॉयड दबाव पैदा कर सकते हैं। जिससे बार-बार पेशाब आने जैसा महसूस होता हे।
बच्‍चेदानी में गांठ होने के संकेत – उपचार के बावजूद बार-बार यूटीआई हो
बिना दर्द या जलन के पेशाब आना
ब्‍लैडर पूरा न खाली होने का अहसास होना
हैवी पीरियडस
डॉक्‍टर की सलाह? – डॉक्‍टर के अनुसार, फाइब्रॉयड ब्‍लैडर पर दबाव डालकर पेशाब से जुड़े लक्षण दिखा सकता है, लेकिन यह सीधे यूटीआई का कारण नहीं बनता। अगर आप बार-बार यूटीआई का अनुभव कर रहे हैं, तो डॉक्‍टर से संपर्क करें। डॉक्टर के मुताबिक यूटीआई को आमतौर पर एंटीबायोटिकस के जरिए ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा लाइफस्‍टाइल में बदलाव करके भी इससे राहत मिल सकती है।
क्‍या निकला निष्‍कर्ष? – सजग फैक्ट चेक टीम की जांच में दावा पूरी तरह से सच नहीं है। एक्‍सपर्ट का मानना है कि अगर आप यूटीआई से परेशान हैं, तो बिना डॉक्‍टर की सलाह के किसी समस्‍या का इलाज न करें, क्‍योंकि यूटीआई बच्‍चेदानी में गांठ होने का संकेत है वाला दावा पूरी तरह से सच नहीं है।