
शुक्रवार दिनांक 11.08.17 को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी, शुक्रवार के साथ उत्तरा और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के होने से इस दिन सुकर्मा नाम का योग बना रहा है। इसी के साथ-साथ शक्तिशाली बव व बाल्व नाम के दो करण हैं जो विजयकारी कहलाए जाते हैं। भाद्रपद संकष्टी चतुर्थी पर गणपती की आराधना सुख-सौभाग्य आदि प्रदान करने वाली कही गई है। संकष्टी चतुर्थी का विशेष पूजन व व्रत करने से घर-परिवार में आ रही विकट समस्याएं तथा विपदाएं दूर होती है। इस चतुर्थी पर गणेश जी पर दही का भोग लगाए जाने का विधान है।
विशेष पूजन: गणपती का विधिवत पूजन करें। शुद्ध घी का दीप करें, चंदन धूप करें, गोलोचन चढ़ाएं, सफ़ेद फूल चढ़ाएं, शक्कर मिली दही में अपनी छाया देखकर गणपती पर भोग लगाएं व रुद्राक्ष की माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें।
विशेष मंत्र: ॐ भक्तविघ्नविनाशनाय नमः॥
विशेष मुहूर्त: शाम 18:15 से शाम 19:15 तक।
महूर्त विशेष
अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:59 से दिन 12:52 तक।
अमृत काल: रात 1:26 से रात 03:02 तक।
यात्रा महूर्त: दिशाशूल – पश्चिम। राहुकाल वास – आग्नेय। अतः आग्नेय व पश्चिम दिशा की यात्रा टालें।
आज का गुडलक ज्ञान
गुडलक कलर: सफ़ेद।
गुडलक दिशा: उत्तर।
गुडलक टाइम: शाम 17:15 से शाम 18:15 तक।
गुडलक मंत्र: ॐ विभुदेश्वराय नमः॥
गुडलक टिप: सौभाग्य प्राप्ति हेतु गणपती पर साबुत सुपारी चढ़ाकर तिजोरी में रखें।
गुडलक फॉर बर्थडे: मौली में दूर्वा बांधकर गणपती पर चढ़ाने से नौकरी में सक्सैस मिलेगी।
गुडलक फॉर एनिवर्सरी: किसी ब्राह्मण सुहागन को आटा दान करने से दांपत्य में आई कड़वाहट दूर होगी।
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