Saturday , August 9 2025 4:03 AM
Home / News / इजरायल के बंधकों से मिला था गाजा का लादेन, जानें क्या हुई थी बात, सुरंग में आया था मोसाद का मोस्ट वांटेड

इजरायल के बंधकों से मिला था गाजा का लादेन, जानें क्या हुई थी बात, सुरंग में आया था मोसाद का मोस्ट वांटेड


इजरायल पर 7 अक्टूबर के आतंकी हमले की प्लानिंग का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार है। इस हमले की तुलना इजरायल अमेरिका में 9/11 के हमले से कर रहा है। ऐसे में याह्या भी उसके लिए उसी तरह है, जैसे अमेरिका के लिए लादेन था। हमास ने जिन बंधकों को छोड़ा है, उनसे याह्या सिनवार ने बात की थी। सिनवार ने बंधकों से तब बात की थी जब उन्हें गाजा में कैद करके रखा गया था। हमास की कैद से छूट कर आने के बाद बंधकों ने यह खुलासा किया है।
कथित तौर पर बंधक बनाई गई महिला ने कहा कि सिनवार उस सुरंग में पहुंचा जहां उसे और अन्य लोगों को रखा गया था। सिनवार ने यहां उन लोगों से बात की और उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। उसने हिब्रू भाषा में बताया कि उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। इजरायल के चैनल-12 के दावे के मुताबिक उसके सैन्य सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। इजरायल के डिफेंस और मिलिट्री एनालिस्ट का मानना है कि सिनवार मानवीय संकट का फायदा हमास के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कर रहा है।
हमास के फायदे के लिए फिलिस्तीनियों को दर्द- आतंकी संगठन के फायदे के लिए फिलिस्तीनियों को पीड़ा देना सिनवार के लिए कोई नई बात नहीं है। यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक सिनवार की 1989 में इजरायली पुलिस के साथ पूछताछ का हाल ही में खुलासा हुआ है। इस दौरान उसने फिलिस्तीनी लोगों के प्रति अपनी गहरी घृणा व्यक्त की थी। उदाहरण के लिए सिनवार 1987 में एक विस्फोटक दागने का प्रयोग करना चाहता था। सभी स्थानों में से उसने डमी टार्गेट के रूप में शिफा अस्पताल को चुना।
दो दिन के लिए बढ़ाया युद्धविराम – इजराइल और हमास अपने युद्ध विराम समझौते की अवधि को दो और दिन बढ़ाने पर सोमवार को सहमत हो गए, जिससे आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाकर रखे गए लोगों और इजराइल की जेलों में बंद फलस्तीनी कैदियों की अदला-बदली जारी रहने की संभावनाएं बढ़ गई है। हमास ने मूल रूप से चार दिवसीय युद्ध विराम समझौते के तहत अदला-बदली के चौथे दौर में 11 इजराइली महिलाओं एवं बच्चों को रिहा किया, जो सोमवार रात को इजराइल पहुंचे। इसके अलावा इजराइल की ओर से रिहा किए गए 33 फिलस्तीनी कैदी मंगलवार तड़के वेस्ट बैंक के रामल्ला में पहुंचे थे। इन कैदियों की बस जैसे ही वेस्ट बैंक की सड़कों पर पहुंची, लोगों की भीड़ ने इसका स्वागत किया। यह समझौता शुक्रवार से प्रभावी हुआ था और सोमवार को इसकी अवधि समाप्त होनी थी।