Monday , June 30 2025 6:03 PM
Home / News / India / Greta Thunberg: भारत में किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में आईं पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, हो रहीं ट्रोल

Greta Thunberg: भारत में किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में आईं पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, हो रहीं ट्रोल


भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में अब स्‍वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी आ गई हैं। 18 साल की ग्रेटा ने ट्वीट करके कहा कि हम भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं। इससे पहले अमेरिकी गाय‍िका रिहाना ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था। उन्‍होंने कहा था कि हम इस बारे में क्‍यों बात नहीं कर रहे हैं। ये दोनों ही सेलेब्‍स अब किसानों की हिंसा को लेकर ट्रोल भी हो रहे हैं।
ग्रेटा और रिहाना दोनों ने ही किसानों के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए दिल्‍ली से सटे इलाकों में इंटरनेट बैन करने की खबर को शेयर किया है। उनके ट्वीट को अब तक करीब 30 हजार लोग रिट्वीट कर चुके हैं। वहीं कई लोग ऐसे हैं जो उन्‍हें किसानों की हिंसा की याद दिला रहे हैं। मिस्‍टर सिन्‍हा ने लिखा, ‘बच्‍ची पहले अपने पैरों पर चलना सीखो और पढ़ाई पूरी करो।’
‘ग्रेटा यह शर्मनाक और निंदनीय व्‍यवहार है’ : सुरभ‍ि ने लिखा कि ये किसान राष्‍ट्रीय राजधानी में दंगा करना चाहते थे। उनकी हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। या तो आपको गलत सूचना मिली है या आप इस हिंसा में विश्‍वास करती हैं। यह शर्मनाक और निंदनीय व्‍यवहार है। बता दें कि दिल्‍ली में गणतंत्र दिवस पर हुई ट्रैक्‍टर परेड हिंसा के बाद हरियाणा और यूपी बॉर्डर पर कई जगहों पर इंटरनेट को बैन कर दिया गया था। गत शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हिंसक हंगामे के बाद हरियाणा सरकार ने ऐक्‍शन लेते हुए 14 जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी थी।
दुनियाभर के शक्तिशाली नेताओं पर ग्रेटा ने बोला था हमला : ग्रेटा इस साल उस वक्त चर्चा में आई थीं जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में दुनियाभर के शक्तिशाली नेताओं पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से निपटने में नाकाम रहने और इस तरह नई पीढ़ी से विश्वासघात करने का आरोप लगाया था। इस कार्यक्रम में उस वक्त यूएन चीफ एंतानियो गुतारस भी मौजूद थे। ग्रेटा उस वक्त भी चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने एक पर्यावरण पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जलवायु अभियान में आवश्यकता इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग पुरस्कार देने के बजाए विज्ञान का अनुसरण शुरू करें।
मैगजीन ने ग्रेटा को ‘पर्सन ऑफ द ईयर” चुने जाने पर लिखा था, ‘साल भर के अंदर ही स्टॉकहोम की 16 साल की लड़की ने अपने देश की संसद के बाहर प्रदर्शन किया और फिर विश्वभर में युवाओं के आंदोलन का नेतृत्व किया।’ मैगजीन ने लिखा कि महज इतनी कम अवधि के अंदर ही उन्हें संयुक्त राष्ट्र चीफ से मुलाकात का मौका मिला, तो वहीं उनके स्रोताओं में विभिन्न देशों के राष्ट्रपति के साथ ही पोप भी शामिल रहे।
किसान आंदोलन के समर्थन में ग्रेटा ने क‍िया ट्वीट : इससे पहले ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में होने वाली JEE, NEET 2020 परीक्षा को स्‍थगित करने का समर्थन किया था। उन्‍होंने कहा कि भारत के बच्‍चों को कोरोना संकट और भीषण बाढ़ के बीच में परीक्षा देने के लिए बैठने को कहना अनुचित है। मैं ऐसे बच्‍चों के परीक्षा को स्‍थगित करने के आह्वान का समर्थन करती हूं। स्वीडन की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने 2019 का ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना था।
दिल्‍ली-हरियाणा के बीच स्थित सिंघु बॉर्डर पर भी सुरक्षाबलों की तैनाती में कोई कमी नहीं है। यहां तथाकथित स्‍थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों व पुलिस में झड़प के बाद से फोर्स तैनात है।
सिंघु बॉर्डर पर किसानों का धरना रविवार को 67वें दिन में प्रवेश कर गया। 26 जनवरी से पहले, यह आंदोलन की प्रमुख जगह था मगर अब गाजीपुर बॉर्डर पूरे आंदोलन के केंद्र में है।