
पाकिस्तान में महिला अधिकार कार्यकर्ता और पश्तून तहफुज आंदोलन (PTM) की नेता गुलालई इस्माइल एक बार फिर आलोचकों के निशाने पर है। जेनेवा समिट फॉर ह्यूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी द्वारा पाकिस्तान में महिलाओं को सशक्त बनाने, कारावास और यातना से बचाने के लिए गुलालई को पुरस्कार मिलने के बाद पाकिस्तान में एक बार से बहस छिड़ गई और उसके खिलाफ आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया है।
हालांकि देश में गुलालई इस्माइल की आलोचना के बाद पीटीएम नेता मोहसिन डावर ने उन्हें पुस्कार मिलने के लिए बधाई देते हुए कहा, ‘वास्तव में आप इसके योग्य हैं। अपने परिवार के निरंतर उत्पीड़न के बावजूद आप हमारे अधिकारों के लिए अपने संघर्ष में मजबूती से खड़ी हैं। पख्तूनख्वा को आप पर गर्व है’। दरअसल गुलालई इस्माइल का विरोध इसलिए किया जा रहा कि क्योंकि वह कई बार पाकिस्तान का कई मुद्दों को लेकर विरोध कर चुकी है।
डेली पाकिस्तान के मुताबिक, ट्विटर पर इस पुरस्कार को लेकर कई कार्यकर्ता और संगठनों ने उनकी खिंचाई की है। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा,’ जो पाकिस्तान के खिलाफ होते हैं वो उन्हें पुरस्कार देते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि देशद्रोहियों के माध्यम से ही पाकिस्तान को कमजोर किया जा सकता है, लेकिन लड़ाई से नहीं। विशेषज्ञ ने दोहराते हैं हुआ कहा ऐसा पहली बार नहीं हुआ है क्योंकि अधिकांश पाकिस्तानियों को राज्य के खिलाफ आलोचना पसंद नहीं है, उनका कहना है कि यह भी सच है कि अधिकारियों को भी यह पसंद नहीं है।
इतना ही नहीं ऐसे कई मामले है जब कार्यकर्ता और विरोधियों की आवाज को जबरन चुप कराया गया है, लेकिन ऐसी हरकतें विपक्ष को और अधिक मजबूत बनाती हैं क्योंकि ऐसी घटनाओं के बाद हर कोई उनके बारे में अच्छे से वाकिफ है। बता दें कि इससे पहले गुलालई इस्माइल ने सेना के खिलाफ अपनी बात रखी थी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन के दौरान लड़कियों और लड़कों के साथ दुष्कर्म किया था।
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