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हमास ने साबित किया इजरायल फेल… 15 महीने बाद भी युद्ध के लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी इजरायली सेना, घर में नाराजगी


इजराइल के साथ 15 महीने लंबे युद्ध के बाद गाजा में संघर्ष विराम हुआ है। हमास ने इसे अपनी जीत बताया है और इस पर जश्न मनाया है जबकि इजराइल के कुछ मंत्रियों ने इसे हार के रूप में देखा है। डील में बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई शामिल की।
इजरायल और हमास के बीच आखिरकार युद्धविराम समझौता हो गया है। रविवार को समझौता लागू होने के बाद दोनों ओर से बंधकों की रिहाई का सिलसिला भी शुरू हो गया है। गाजा में बीते 15 महीनों के युद्ध से भयावह तबाही हुई है। हमास के ज्यादातर बड़े नेता भी इस दौरान मारे गए हैं। इसके बावजूद हमास समझौते को अपनी जीत और इजरायल की हार की तरह देख रहा है। इसकी वजह ये है कि इजरायल ने बार-बार हमास को पूरी तरह खत्म करने की कसम खाई थी लेकिन गाजा की जमीन पर हमास मजबूती से कायम है। इजरायल अपने युद्ध के लक्ष्यों को हासिल करने में नाकाम रहा है। कई इजरायली नेता भी इस समझौते को अपनी हार मान रहे हैं।
हमास के वरिष्ठ नेता ओसामा हमदान ने युद्ध विराम पर अल जजीरा से कहा कि इस समझौते से हमारी सभी शर्तें पूरी होती हैं। हमने वह हासिल किया है, जो फिलिस्तीनी लोग चाहते थे। इजरायल की बमबारी के बीच हमास ने लगातार दोहराया था कि वह तब तक बंधकों को नहीं छोड़ेगा, जब तक इजरायल अपनी सेना गाजा से वापस नहीं बुलाता और युद्ध स्थायी रूप से बंद करते हुए पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं देता। मौजूदा समझौते में हमास अपनी सभी नहीं लेकिन ज्यादातर शर्तें पूरा करता हुआ दिखा है।
गाजा में मनाया गया जश्न – सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, युद्धविराम लागू होने के तुरंत बाद गाजा की तबाह सड़कों पर हमास के नकाबपोश बंदूकधारी गाड़ियों में जश्न मनाते हुए निकले। बंधकों की रिहाई के दौरान हमास के दस्ते ने गाजा शहर के अल सरया स्क्वायर पर अपनी पूरी वर्दी पहनी हुई थी। यह इस बात का प्रतीक था कि हमास का सशस्त्र दस्ता अभी भी मौजूद और सक्रिय है।
इजरायल ने इस युद्ध का मुख्य लक्ष्य हमास को खात्म करना कहा था। ऐसे में कई इजरायली मंत्रियों और सांसदों ने साफतौर पर कहा है कि इस समझौते को स्वीकार करना इजरायल की हार है। इजरायल के दक्षिणपंथी मंत्री इतामार बेन ग्वीर ने युद्धविराम को सरेंडर बताते हुए सरकार से इस्तीफा दे दिया। मंत्री बेजलल स्मोट्रिच ने इसे विनाशकारी कहा है।