
सालेह अल अरौरी की मौत के बाद हमास के नेता डरे हुए हैं। हमास नेताओं को अपनी हत्या का खौफ सता रहा है। इस कारण लेबनान की राजधानी में बैठे हमास नेता बेरूत से निकल गए हैं। KAN न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक हमास नेताओं को डर है कि उनकी भी हत्या हो सकती है। गाजा के आतंकी संगठन हमास ने सालेह अल-अरौरी की हत्या के बाद अपने नेताओं की सुरक्षा के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हमास ने अरौरी की हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था।
जनवरी के पहले सप्ताह में बेरूत के दक्षिण में एक ड्रोन हमला हुआ था। इस हमले में अरौरी समेत छह लोग मारे गए थे। इजरायल में 7 अक्टूबर के हमलों के लिए अरौरी को मुख्य योजनाकारों में माना जाता है। अरौरी की मौत के लिए हमास ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था। बेरूत के दक्षिणी उपनगर दहियाह हिज्बुल्लाह का गढ़ है। ऐसे में इस ड्रोन हमले ने लेबनान को हिलाकर रख दिया। हमास ने इसे एक कायरतापूर्ण घटना करार दिया। इसके अलावा कहा कि वह इससे उन्हें तोड़ नहीं सकता।
लेबनान छोड़कर भागा हमास – 57 साल का अल अरौरी हमास के राजनीतिक ब्यूरो का उप प्रमुख और समूह की सशस्त्र शाखा के संस्थापकों में से एक था। इजरायल ने 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास के नेताओं को खोज-खोज कर मारने की बात कही थी। KAN की रिपोर्ट के मुताबिक हमले के बाद से ही हमास के अधिकारियों ने लेबनान छोड़ दिया और जल्द ही सीरिया और तुर्की में शिफ्ट हो गए। इसके अलावा वरिष्ठ नेता गाजी हमद कथित तौर पर कतर भाग गया। अरौरी की हत्या के बाद से ही वह लेबनान नहीं लौटा है।
अरौरी की बहनें गिरफ्तार – वेस्ट बैंक में मौजूद इजरायली सेना ने अल अरौरी की दो बहनों को गिरफ्तार किया है। दलाल (52) और फतिमा (47) को अल अरौरी के गृहनगर अरुरा और रामल्ला के पास अल-बिरेह में अलग-अलग छापों में हिरासत में लिया गया। IDF ने कहा कि इन लोगों को इजरायल के खिलाफ आतंक भड़काने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
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