
ब्रिटेन की एक अदालत ने कहा है कि प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ शराब कारोबारी विजय माल्या द्वारा ब्रिटेन के हाई कोर्ट में दाखिल अपील अगले वर्ष 11 फरवरी से तीन दिन की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है। ब्रिटेन हाई कोर्ट के एक अधिकारी ने कहा, ‘अपील 11 फरवरी 2020 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है, जो तीन दिन तक चलने का अनुमान है।’
2 जुलाई को सुनवाई के दौरान जज जॉर्ज लेगाट और एंड्रू पोपेलवेल ने कहा, ‘भारत सरकार की ओर से ‘क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) द्वारा प्रथम दृष्टया पेश मामले के कुछ पहलुओं पर दलीलें यथोचित तरीके से रखी जा सकती हैं।’ जिन सामग्रियों के आधार पर चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बुथनॉट ने दिसंबर 2018 के प्रत्यर्पण आदेश पर फैसला सुनाया था उस पर हाई कोर्ट में पूरी सुनवाई होगी। इस आदेश पर ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने हस्ताक्षर भी किए थे।
जज लेगाट ने अपने आदेश में कहा, ‘अब तक सबसे ठोस आधार यह है कि वरिष्ठ जिला जज इस नतीजे पर पहुंचने में गलत थे कि सरकार ने प्रथम दृष्टया मामला बनाया है।’ माल्या के वकील क्लेयर मोंटगोमेरी ने जज आर्बुथनॉट के एक खास निष्कर्ष तक पहुंचने को जबर्दस्त चुनौती दी थी। माल्या भारतीय बैंकों के साथ 9,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी और धन शोधन करने के आरोप में वांछित है। माल्या ने पहले कहा था, ‘मैं अब भी चाहता हूं कि बैंक अपना पूरा पैसा ले लें, उनको जो करना है करें, मुझे शांति से रहने दें।’
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