इजरायली मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि लेबनान से भेजे गए ड्रोन ने रविवार रात 7 बजे के करीब इजरायली मिलिट्री बेस के अंदर डाइनिंग हाल को निशाना बनाया। ये भी पता चला है कि इजरायल का वॉर्निंग सिस्टम सायरन बजाने में नाकाम रहा था। हिजबुल्लाह ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह ने मध्य इजरायल के बिन्यामिना के पास एक मिलिट्री बेस पर ड्रोन से बड़ा हमला किया है। रविवार 13 अक्टूबर की रात किए गए इस हमले में इजरायल के 4 जवान मारे गए हैं, जबकि 67 के घायल होने की खबर हैं। लेबनानी चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह ने हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि उसने आईडीएफ के गोलानी ब्रिगेड के प्रशिक्षण अड्डे को ड्रोन से निशाना बनाया था। यह हमला ऐसे समय में किया गया है, जब इजरायली सेना लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी अभियान को आगे बढ़ा रही है।
नहीं बजा था कोई सायरन – आईडीएफ ने बताया कि ड्रोन हमला शाम को सात बजे से कुछ पहले ही किया गया। इजरायली मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इसने बेस के अंदर एक डाइनिंग हॉल को निशाना बनाया था। आईडीएफ ने बताया कि सात और सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं जबकि अन्य 14 को मध्यम चोटें आई हैं। 28 अन्य घायलों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती किया गया है। बताया जा रहा है कि ड्रोन के आने के पहले कोई सायरन नहीं बजा था, जिससे सैनिकों को सुरक्षित होने का मौका नहीं मिला।
देर रात आईडीएफ के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने बताया घटना की परिस्थितियों की जांच की जा रही है, क्योंकि ड्रोन इजरायल में घुसने के बाद कोई चेतावनी सायरन नहीं बजा था। हगारी ने लोगों से हमले के बारे में अफवाह न फैलाने की अपील की और कहा कि अभी तथ्य जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम जांच करेंगे कि कैसे एक यूएवी बिना किसी चेतावनी के घुस सकता है और एक बेस पर हमला कर सकता है।’
समुद्र के रास्ते घुसा था ड्रोन – इजरायली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि युद्ध की शुरुआत से ही इजरायल को यूएवी के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा, ‘हमें बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है। हम इस घटना की जांच करेंगे, इसके सीखेंगे और सुधार करेंगे।’ टाइम्स ऑफ इजरायल ने आईडीएफ की शुरुआती जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि लेबनान से लॉन्च किए गए दो ड्रोन समुद्र के रास्ते से इजरायली क्षेत्र में घुसे थे। ये दोनों मिरसाद ड्रोन थे, जिन्हें ईरान में अबाबील-टी के नाम के जाना जाता है। यह हिजबुल्लाह का आत्मघाती ड्रोन है।
इजरायली रडार से गायब हो गया था ड्रोन – दोनों ड्रोन को इजरायली रडार ने ट्रैक किया था और एक को हाइफा के उत्तर में तट पर मार गिराया गया। इजरायली वायु सेना के विमानों और हेलीकॉप्टर ने दूसरे ड्रोन का पीछा किया लेकिन यह रडार से गायब हो गया। इजरायली सेना इसका पता नहीं लगा सकी, क्योंकि संभवतः यह जमीन के बहुत करीब उड़ रहा था। कोई सायरन भी नहीं बजा, इसलिए अनुमान लगाया कि यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया होगा। अनुमान है कि रडार से गायब हुआ ड्रोन और हमला करने वाला दोनों एक ही थे। फिलहाल, इजरायली सेना इसकी जांच कर रही है।
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