बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। विभाजन के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर दबाव और हिंसा की घटनाएं होती रही हैं,…
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। विभाजन के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर दबाव और हिंसा की घटनाएं होती रही हैं, लेकिन हाल के दिनों में कट्टरपंथियों का दुस्साहस खुलकर सामने आ गया है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका से दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया है जहां सिर्फ इसलिए एक 200 साल पुराना वटवृक्ष काट दिया गया क्योंकि वहां हिंदू समुदाय पूजा करता था।
यह सिर्फ एक पेड़ नहीं था, यह आस्था का केंद्र था, प्रतीक था सनातन संस्कृति का, जिसे अब वह धराशायी कर दिया गया। पूजा से रोकने के लिए बरगद के पेड़ को काटना कोई साधारण घटना नहीं है।यह सुनियोजित धार्मिक दमन की रणनीति का हिस्सा है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लोग आरी से पेड़ की मोटी शाखाएं काट रहे हैं, जबकि भीड़ खामोश तमाशबीन बनी हुई है।
यह पवित्र पेड़ जिसे वटवृक्ष, अक्षयवट कहते हैं, जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है, को काट दिया गया है। बढ़ते अत्याचारों के चलते बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी लगातार घट रही है। एक समय 22% से अधिक रही जनसंख्या अब घटकर 8% से भी नीचे आ गई है। धर्मांतरण, धमकी, बहिष्कार और हिंसा ये सब रोज़मर्रा की वास्तविकता बन चुके हैं।
👉 Islamists in Alamgirer Kandi in Shirkhara Union under Madaripur district cut and destroyed a century-old banyan tree stating people were worshipping the tree by believing it has "divine power". pic.twitter.com/AMLly8weN7
— Salah Uddin Shoaib Choudhury (@salah_shoaib) May 5, 2025