टॉक्सिक लोग किसी की भी जिंदगी नर्क बनाने से पीछे नहीं हटते हैं। ये आपको कहीं भी मिल सकते हैं इनसे बचना है तो करारा जवाब देना सीख लीजिए। अगर जवाब नहीं दिया तो इनकी हिम्मत बढ़ेगी और यह आपकी बाकी लोगों को भी अपना शिकार बनाते जाएंगे।
घर, ऑफिस, सोशल मीडिया और रिश्तेदारों में कई लोग ऐसे होते हैं जिनकी सोच टॉक्सिक होती है। जो कभी दूसरों की खुशी में शामिल नहीं हो सकते हैं बल्कि खुशी के माहौल को भी खराब कर देते हैं। अपनी निगेटिव सोच का असर दूसरों पर भी डालते हैं। इनसे डील करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप इन्हें सही समय पर सही जवाब दें।
जरूरत पड़ने पर टॉक्सिक लोगों को उन्हीं की भाषा में करारा जवाब देना पड़े तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए। आपकी मदद करने के लिए हम कुछ ऐसे लोगों की स्टोरी भी शेयर कर रहे हैं जिन्होंने खुद को टॉक्सिसिटी का शिकार होने से बचाया है। इनके बारे में बेहतरीन एक्सपर्ट्स से बात कर जानकारी दे रहे हैं लोकेश के. भारती
करीबी ऐसे करते टॉर्गेट, बनाते हैं मजाक – ऋचा (बदला हुआ नाम) ने 10वीं बोर्ड में 100% नंबर हासिल किए, परिवार में सभी खुश थे। रिजल्ट आने के कुछ ही दिन बाद एक रिश्तेदार के यहां शादी थी। उस फंक्शन में शामिल होने के लिए ऋचा अपने पापा-मम्मी के साथ पहुंचीं। जहां ऋचा के दूर के मामा ब्रजेश (बदला हुआ नाम) भी पहुंचे थे। उस फंक्शन से पहले ऋचा की उन मामाजी से मुलाकात नहीं हुई थी। हां, उनके बारे में सुना जरूर था और मामाजी ने भी ऋचा के 100% नंबरों के बारे में सुना था।
ब्रजेश टॉक्सिक सोच वाले और बात-बात में गुस्सा करने वाले इंसान थे। उन्हें दूसरों की खुशी में शामिल होने में कभी मजा नहीं आता था। अपनी निगेटिव सोच का उदाहरण उन्होंने तुरंत पेश कर दिया। ऋचा का मजाक बनाने के लिए उसे अपने पास बुलाया। पहला सवाल यही पूछा कि कितने पर्सेंट नंबर आए बोर्ड में? ऋचा ने कहा 100 पर्सेंट। इस पर ब्रजेश ने कटाक्ष किया …तो क्या हुआ? आजकल हजारों बच्चों के आते हैं। इसमें उड़ने वाली बात क्या है? इस पर ऋचा उदास हो गई और कहा कि मैं कहां उड़ रही हूं।
मामाजी के स्वभाव के बारे में ऋचा के पापा को पहले से ही पता था। उन्होंने फौरन ही मुस्कुराते हुए कहा कि ‘हां, बड़ी बात तो नहीं है, लेकिन अपने रिश्तेदारों में दूर-दूर तक किसी के आजतक 100 क्या 99 पर्सेंट भी नहीं आए हैं? आपके या आपके बेटे को भी नहीं मिले।’ ऋचा के पापा ने आगे कहा कि हमें बच्चों से क्या, बड़ों से भी इस तरह की बातें करने से बचना चाहिए। आप बड़े हैं इसलिए आशीर्वाद बनाकर रखें। इतना कहकर ऋचा के साथ वह वहां से उठ गए।
इस तरह जवाब देना जरूरी- ब्रजेश को सही समय पर सही जवाब देकर चेतावनी दी गई कि आगे से इस तरह के कटाक्ष न करें नहीं तो सटीक जवाब दिया जाएगा।
अगर नहीं देते जवाब तो- कटाक्ष पर अगर ऋचा के पापा ने जवाब न दिया होता तो मुमकिन है ऋचा को स्ट्रेस हो जाता। वहीं मामाजी किसी दूसरे बच्चे या फिर किसी दूसरे रिश्तेदार का भी मजाक बनाते।
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