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कैसे फैलता है मंकीपॉक्स, क्या लगेगा लॉकडाउन? दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से ऐसे बचें


मंकीपॉक्स वायरस से कैसे बचें : मंकीपॉक्स वायरस तेजी से फैल रहा है और इसका प्रकोप 17 देशों तक पहुंच गया है, भारत में भी इसके मामले देखने को मिले हैं, WHO ने इसे दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में शामिल किया है, जानिये इसके क्या लक्षण हैं और आप इसकी चपेट में आने से कैसे बच सकते हैं.
दुनिया भर में मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox virus) धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है और अब यह दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप के उन हिस्सों में भी पहुंच गया है जहां इसकी उम्मीद नहीं थी। यह क्षेत्र दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है और पाकिस्तान और भारत में इसके मामले सामने आ चुके हैं। माना जा रहा है कि यह वायरस मध्य पूर्वी क्षेत्रों से यहां पहुंचा है।
भारत में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। साल 2022 से अब तक भारत में मंकीपॉक्स के कुल 30 मामले सामने आए हैं। आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था। भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला जुलाई 2022 में सामने आया था।
इसकी मृत्यु दर 3% है, जो मंकीपॉक्स के अन्य प्रकारों की 0.1% मृत्यु दर से काफी ज्यादा है। यह बीमारी 17 अफ्रीकी देशों और महाद्वीप के बाहर के कई देशों में फैल चुकी है। ऐसा माना जा रहा है कि मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देख लॉकडाउन की स्थिति हो सकती है। चलिए समझते हैं कि मंकीपॉक्स कितना खतरनाक है और आप इससे बचाव के लिए क्या कर सकते हैं।
क्या मंकीपॉक्स कोरोना की तरह जानलेवा है? – मंकीपॉक्स भी एक वायरल संक्रमण है, जिसके लक्षण कोविड जैसे ही होते हैं, जैसे खांसी, बुखार, बदन दर्द आदि। हालांकि , इसमें कोरोना से कुछ बुनियादी अंतर हैं। मंकीपॉक्स चेहरे और शरीर के बाहरी हिस्सों को प्रभावित करता है, और मवाद से भरे घाव भी हो सकते हैं।
दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी बना – WHO ने मंकीपॉक्स को वर्ल्ड हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। हालांकि WHO ने यह भी कहा है कि यह वायरस ‘नया कोविड’ नहीं है और अनावश्यक रूप से घबराने की ज़रूरत नहीं है। WHO का मानना ​​है कि दुनिया इस वायरस से आसानी से लड़ सकती है, लेकिन इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बहुत जरूरी है।
क्या मंकीपॉक्स के लक्षण – मंकीपॉक्स के मरीजों में फ्लू जैसे लक्षण, बुखार, खांसी, उल्टी आदि देखे जा सकते हैं। इसके अलावा, मवाद से भरे घाव भी हो सकते हैं, जो इस बीमारी की एक खास पहचान है। कुछ लोगों को मलाशय (प्रोक्टाइटिस) के अंदर सूजन हो जाती है जिससे तेज दर्द हो सकता है, साथ ही जननांगों में सूजन आ सकती है जिससे पेशाब करने में कठिनाई हो सकती है।
मंकीपॉक्स वायरस कैसे फैलता है? – मंकीपॉक्स वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के घावों, द्रवों या संक्रमित वस्तुओं के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस हवा में आसानी से नहीं फैलता है।
घावों के सीधे संपर्क में आने से: संक्रमित व्यक्ति के घावों को छूने से या उनसे निकलने वाले द्रवों के संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है।
संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने से: संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गए कपड़े, बिस्तर, बर्तन या अन्य वस्तुओं के संपर्क में आने से भी यह वायरस फैल सकता है।
मां से बच्चे में: गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के समय संक्रमित मां से बच्चे में यह वायरस फैल सकता है।
शारीरिक संबंध: यौन संबंध के दौरान भी यह वायरस फैल सकता है।