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अमेरिका का एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान कितना ताकतवर

अमेरिकी विमाननिर्माता बोइंग ने बुधवार को भारत के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत के लिए डेक आधारित लड़ाकू विमानों की भारतीय नौसेना की जरूरत को पूरा करने के लिए अपने एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट को सर्वश्रेष्ठ प्लेटफॉर्म बताया। नौसेना ने खरीद के लिए एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल एम को चुना है। भारतीय नौसेना ने चार साल पहले अपने विमान वाहक पोत के लिए 57 बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी।
अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग ने भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए अपने एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान का ऑफर किया है। यह विमान वर्तमान में अमेरिकी नौसेना के कई एयरक्राफ्ट कैरियरों से ऑपरेट किया जाता है। आईएनएस विक्रांत आधिकारित तौर पर दो सितंबर को भारतीय नौसेना में शामिल होने जा रहा है। ऐसे में एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात विमानों की खरीद को लेकर कयासबाजियां भी तेज हो गई हैं। भारत ने आईएनएस विक्रांत के लिए एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन के राफेल एम को चुना है। इन दोनों विमानों ने गोवा में आईएनएस हंसा नेवल स्टेशन पर स्की जंप ट्रायल में भी हिस्सा लिया है। बोइंग का दावा है कि एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट डेक आधारित लड़ाकू विमानों की भारतीय नौसेना की जरूरत को पूरा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्लेटफॉर्म है। वहीं, राफेल एम बनाने वाली दसाल्ट एविएशन का तर्क है कि भारत पहले से ही राफेल लड़ाकू विमान को ऑपरेट कर रहा है। ऐसे में राफेल एम के खरीद से भारत को काफी सहूलियत मिल सकती है। हालांकि, भारतीय नौसेना ने अभी तक किसी भी लड़ाकू विमान की खरीद को लेकर अपना रूख साफ नहीं किया है।
भारतीय नौसेना ने चार साल पहले अपने विमान वाहक पोत के लिए 57 बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि, समय के साथ इनमें देरी होती रही। अब बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने कहा कि एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट ब्लॉक 3 भारतीय नौसेना के लिए सर्वश्रेष्ठ डेक आधारित विमान होगा और कंपनी देश के स्वदेशी एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में योगदान के अपने सफल ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर मेक इन इंडिया पहल को और मजबूत करना चाहती है। उन्होंने कहा कि बोइंग काअनुमान है कि अगर एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट को भारत के अगले विमान वाहक पोत आधारित लड़ाकू विमान के रूप में शामिल किया जाता है तो अगले 10 वर्षों में भारत के एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग पर 3.6 अरब डॉलर का आर्थिक प्रभाव पड़ सकता है। अमेरिकी नौसेना के दो एफ/ए-18ई सुपर हॉर्नेट विमानों ने हाल में गोवा में एक नौसेना केंद्र पर कई प्रदर्शन किये थे।