
अफगानिस्ता में तालिबान राज कायम होते ही आम नागरिकों की मुश्किलें बढ़ गई है। तालिबान के सुरक्षा बल अफगानिस्तान में विरोधी सशस्त्र समूह से संपर्क रखने के आरोप में आम लोगों को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रख टॉर्चर कर रहे हैं। अमेरिका की ह्यूमन राइट्स वॉच ने बताया है कि तालिबान का यह ऑपरेशन उत्तरी अफगानिस्तान के मजार ए शरीफ के आसपास के इलाकों में जारी है। यह पूरा इलाका तालिबान के कट्टर दुश्मन मार्शल अब्दुल रशीद दोस्तम का है। दोस्तम तालिबान के डर से देश छोड़कर विदेश में राजनीतिक शरण लिए हुए हैं।
पंजशीर में लड़ाई तेज, तालिबान ने हजारों लड़ाकों को उतारा : ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपने बयान में बताया है कि मई में नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के लड़ाकों के तालिबान पर हमला करने के बाद पंजशीर में लगई तेज हुई है। एनआरएफ के लड़ाकों ने तालिबान की कई चेक प्वाइंट्स को निशाना बनाया है। तालिबान ने इसके जवाब में अपने जहारों लड़ाकों को पंजशीर प्रांत में तैनात कर दिया है। ये लड़ाके कुछ समुदायों को निशाना बनाकर तलाशी अभियान चला रहे हैं। उनका आरोप है कि इस इलाके में मौजूद कुछ समुदाय विद्रोही एनआरएफ का समर्थन कर रहे हैं।
लोगों की हत्या तक कर रहा तालिबान : ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि तालिबान के लड़ाके मौके पर ही लोगों की हत्या कर रहे हैं और बंधक बनाए गए लड़ाकों और अन्य लोगों को लापता कर रहे हैं, जो युद्ध अपराध है। उल्लेखनीय है कि काबुल के उत्तर में पहाड़ियों से घिरी घाटी अफगानिस्तान के ध्वस्त हो चुके सुरक्षाबलों का आखिरी ठिकाना है जिन्होंने तालिबान का प्रतिरोध करने का संकल्प लिया है।
तालिबान राज में आम लोगों को खतरा बढ़ा : एचआरडब्ल्यू की एशिया में एसोसिएट निदेशक पेट्रिशिया गोसमैन ने कहा कि तालिबान बल पंजशीर प्रांत में विपक्षी नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट की लड़ाई के जवाब में आम लोगों की पिटाई कर रहे हैं। तालिबान गंभीर उत्पीड़न के जिम्मेदार अपने लड़ाकों को सजा देने में असफल रहा है जिससे आम नागरिकों को और खतरा बढ़ा है। तालिबान ने अफगानिस्तान पर पिछले साल अगस्त में कब्जा जमा लिया था। तभी से तालिबान के लड़ाके बदले की कार्रवाई के तहत पूर्व अफगान बलों के अधिकारियों और विद्रोही गुटों से ताल्लुकात रखने वाले लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं।
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