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भारत ने अमेरिकी दबाव में रूसी तेल खरीदना बंद किया तो 8-10 अरब डॉलर का नुकसान, साथ में जाएगा सम्मान… चेता रहे पुतिन?


रूसी राष्ट्रपति ने दिसंबर की शुरुआत में होने वाली अपनी भारत यात्रा को लेकर भी अपनी उत्सुकता जताई है। उन्होंने सरकार को आदेश दिया कि वह नई दिल्ली द्वारा कच्चे तेल के भारी आयात के कारण भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के उपाय करे।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि अगर भारत रूसी ऊर्जा का आयात बंद करता है, तो उसे सालाना लगभग 9-10 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना जारी रखता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों से भी करीब करीब उतना ही नुकसान होगा, तो फिर रूसी तेल खरीदना भारत क्यों बंद करे। उन्होंने ये भी कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है तो इससे भारत के सम्मान पर असर पड़ेगा। यानि पुतिन ने इस आकलन को उस नुकसान से जोड़ा जो भारत पहले से अमेरिकी टैरिफ के चलते झेल रहा है।
वल्दाई क्लब की अंतरराष्ट्रीय बैठक में बोलते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि ऊर्जा व्यापार भारत के लिए सिर्फ वाणिज्यिक नहीं, बल्कि रणनीतिक महत्व रखता है। इसलिए, इसे रोकने का कोई भी फैसला भारत की अर्थव्यवस्था और जनता के हित में नहीं होगा। दक्षिण रूस के सोची स्थित काला सागर रिसॉर्ट में भारत समेत 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञों के अंतर्राष्ट्रीय वल्दाई चर्चा मंच को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा, कि अगर रूस के व्यापारिक साझेदारों पर ज्यादा टैरिफ लगाए गए, तो इससे वैश्विक ऊर्जा की कीमतें बढ़ेंगी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें ऊंची रखने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ जाएगी।