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अगर मेरी पार्टी की सरकार होती तो आज जी20 पाकिस्‍तान में हो रहा होता…पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बातें तो सुनिए


एक तरफ पूरी दुनिया में जी20 सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता के लिए भारत को बधाई मिल रही है तो वहीं पाकिस्‍तान बस हाथ मल रहा है। जी20 सम्‍मेलन के दौरान पाकिस्‍तान वह इकलौता देश रहा जिसका जिक्र ही नहीं हुआ। लेकिन इसके नेताओं को लगता है कि पाकिस्‍तान में वह क्षमता है कि ऐसे आयोजन हो सकें। लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्‍तान में भी जी20 आयोजित करने की क्षमता है अगर राजनीतिक हालात ठीक हों। लंदन में मीडिया से बात करते हुए पाकिस्‍तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के मुखिया नवाज ने कुछ इसी तरह से सम्‍मेलन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
राजनीतिक हालात जिम्‍मेदार – नवाज की मानें तो अगर देश के राजनीतिक हालात साल 2017 वाले होते तो पाकिस्‍तान इस सम्‍मेलन की मेजबानी कर रहा होता। मीडिया ने नवाज से सवाल किया था कि भारत में जी20 का आयोजन हो रहा है और पाकिस्‍तान इसमें शिरकत नहीं कर रहा है? इस पर उन्‍होंने जवाब दिया कि अगर उनकी सरकार के नेतृत्व वाली नीतियां जारी रहतीं तो पाकिस्तान जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर सकता था। नवाज के शब्‍द थे, ‘अगर साल 2017 वाली नीतियां जारी रहतीं तो यह जी20 बैठक पाकिस्तान में होता। अगर वैसे ही राजनीतिक हालात होते तो पाकिस्तान जी20 में शामिल हो गया होता या होने वाला था।’
भारत की बड़ी कामयाबी – पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार ने भी दावा किया था कि जब पीएमएल-एन सत्ता में थी तो पाकिस्तान दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा बन रहा था। नवाज की तरह ही देश के पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार ने भी जी20 को लेकर ऐसी ही बातें कही थीं। जी20 सम्‍मेलन को भारत के लिए बड़ी कामयाबी करार दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों दुनिया के 20 शीर्ष अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों के नेताओं का स्‍वागत किया। इस सम्‍मेलन का घोषणा पत्र उनके लिए बड़ी कूटनीतिक जीत साबित हुआ। इस घोषणा में यूक्रेन युद्ध के बारे में तो बात हुई लेकिन रूस का जिक्र नहीं हुआ।
चीन पाकिस्‍तान को जवाब – कई विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार इस आयोजन के साथ ही दुनिया में अपने देश की छवि को मजबूत करने में कामयाब रहा है। वहीं सम्‍मेलन भारत को चीन के खिलाफ उभरती हुई ताकत के तौर पर भी पेश करने में सफल साबित हुआ। जी20 में दुनियाभर के मुद्दों के अलावा कनेक्टिविटी पर भी चर्चा की गई। 10 सितंबर को वर्ल्‍ड लीडर्स की मौजूदगी में मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया को जोड़ने वाले एक मल्‍टीनेशनल रेल और बंदरगाह सौदे की घोषणा भी की गई। अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने इसे एक बड़ी डील करार दिया है। इस डील को फेल हो चुके चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का जवाब कहा जा रहा है।