
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा रक्षा समझौता हुआ है। इसमें कहा गया है कि अगर किसी भी देश पर हमला होता है, तो उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। यही वजह है कि इस डील को नाटो की तरह का समझौता बताया जा रहा है। इसका मतलब है कि सऊदी अरब का पाकिस्तान, किसी पर बाहरी आक्रमण होने की स्थिति में दोनों देश उसका मुकाबला करेंगे। इस समझौते की टाइमिंग खास है। यह ऐसे वक्त में हुआ है, जब कतर पर इजरायली हमले से खाड़ी के मुस्लिम देश डरे हुए हैं तो इसके पीछे पाकिस्तान का भी डर है, जो मई में भारत के हवाई हमलों के बाद से उसके अंदर बना हुआ है।
इस समझौते के बाद पाकिस्तान को लगता है कि उसे भविष्य में भारत के हमलों के खिलाफ गारंटी मिल गई है, लेकिन असलियत यह है कि वह एक तरह से फंस गया है। पाकिस्तान ने जिस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं, उसके चलते इस्लामाबाद के लिए सऊदी अरब के लिए यमन में हमला करने को अनिवार्य बना दिया है। यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को लंबी लड़ाई के बाद भी सऊदी अरब हटाने में नाकाम रहा है।
Home / News / सऊदी अरब ने अगर हूतियों पर हमला किया तो पाकिस्तान देगा साथ? भारत से बदला लेने के चक्कर में बड़ी गलती कर गए शहबाज
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