
रूस की परमाणु हमले की योजना के खुलासे से दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। रूस के इस सीक्रेट प्लान में चीन का भी जिक्र है। इसमें कहा गया है कि अगर चीन के साथ युद्ध जैसी स्थिति आती है तो रूस टैक्टिकल न्यूक्लियर बम से हमला भी कर सकता है। रूस की खुफिया युद्ध योजना साल 2009 से 2014 के बीच बनाई गई थी। उस समय भी व्लादिमीर पुतिन ही रूस के राष्ट्रपति थे। इसमें कहा गया है कि चीन रूस के फार ईस्ट इलाके पर कब्जा करने की कोशिश कर सकता है। इस बड़े खुलासे के बाद चीन ने अब चुप्पी साध ली है। यूक्रेन युद्ध के बाद रूस और चीन दोनों ही दावा करते हैं कि उनके बीच ‘नो लिमिट’ वाली दोस्ती हो गई है। रूसी खुलासे के बाद अब चीन की सरकार सदमे में पहुंच गई है।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिर्पोट के मुताबिक पुतिन की सेना ने इस तरह के किसी चीनी हमले से निपटने के लिए कई बार जवाबी हमले का अभ्यास भी किया है। ब्रिटिश अखबार ने रूसी दस्तावेज के हवाले से कहा, ‘कमांडर-इन-चीफ ने दुश्मन द्वारा दूसरी-इकोलोन इकाइयों को तैनात करने और दक्षिण द्वारा मुख्य हमले की ओर आगे बढ़ने की धमकी देने की स्थिति में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने का आदेश दिया है।’ साल 2008 से साल 2014 तक के गोपनीय दस्तावेज बताते हैं कि रूस पहले से स्वीकार किए गए स्तर से काफी कम सीमा पर परमाणु हथियारों को तैनात करने के लिए तैयार है, जिससे विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के बीच चिंता पैदा हो गई है।
चीन ने रूस के खुलासे पर साधी चुप्पी – लीक हुई सामग्री यह भी संकेत देती है कि रूस के पूर्वी सैन्य जिले ने चीनी हमले से जुड़े विभिन्न परिदृश्यों के लिए सक्रिय रूप से तैयारी की है, जो रूस की रक्षा रणनीति में उसके परमाणु शस्त्रागार की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। यह चीन के साथ एक जटिल संबंध का सुझाव देता है, जहां सार्वजनिक गठबंधन को संघर्ष की निजी तैयारियों के साथ जोड़ा जाता है। वहीं इस खुलासे पर चीन ने चुप्पी साध ली है। अमेरिका में चीन के दूतावास ने गुरुवार को एक लिखित प्रतिक्रिया में ‘असत्यापित जानकारी’ पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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