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खाना खाते समय स्‍क्रीन से नहीं हटती बच्‍चे की नजर, तो आज ही करें ये काम, बाद में खूब खुश होंगे


अगर आपको भी ये शिकायत है कि आपका बच्‍चा टीवी या मोबाइल देखे बिना खाना ही नहीं खाता है और आप भी उसकी इस आदत या जिद के आगे घुटने टेक देते हैं, तो एक बार डॉक्‍टर की बात जरूर सुन ल‍ीजिए।
मोबाइल, लैपटॉप या टीवी, ये चीजें हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्‍सा बन गई हैं। इनके बिना न तो हम सोते हैं, न खाते हैं और न ही ऑफिस में काम कर पाते हैं। बड़े ही नहीं बल्कि बच्‍चों में भी स्‍क्रीन की लत बहुत ज्‍यादा बढ़ गई है। मां-बाप अपना काम कर सकें इसलिए वो कम उम्र के बच्‍चों को मोबाइल पकड़ा देते हैं और बच्‍चे को धीरे-धीरे इसकी लत लग जाती है।
बच्‍चा बिना मोबाइल देखे खाना ही नहीं खाता है। आपने भी ऐसे कई बच्‍चे देखे होंगे जो मोबाइल सामने रखकर ही खाना खाते हैं। डॉक्‍टर मधुमिता एझिल ने अपने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो पोस्‍ट कर के बताया है कि बच्‍चों के लिए खाना खाते समय मोबाइल या स्‍क्रीन देखना कितना खतरनाक हो सकता है।
स्‍क्रीन से दूर रखने का तरीका – बच्‍चे को खिलौने दें जैसे कि कलरिंग बुक्‍स या टॉय कार्स। खाने के दौरान बच्‍चे को इन चीजों में एंगेज रहने का मौका दें। ये विकल्‍प स्‍क्रीन से तो बेहतर ही साबित होंगे। खाना खाते समय टीवी देखने के लिए एक टाइमर सेट करें और जब टाइमर बंद हो जाए, तो टीवी को ऑफ कर दें। हर बार खाने के दौरान इस समय को धीरे-धीरे कम करते जाएं। इससे बच्‍चे को बिना स्‍क्रीन के खाने पर फोकस करने में मदद मिलेगी।
मोबाइल की जगह टीवी देखें – टीवी की लत मोबाइल की तुलना में कम लगती है। यह कम इंटरैक्टिव होता है और मोबाइल या टैबलेट से ज्‍यादा आसानी से मैनेज हो जाता है। इसके अलावा आप बच्‍चे को खाना तैयार करने के कामों में लगा सकते हैं। उससे सलाद बनवाएं, स्‍मूदी ब्‍लेंड करवाएं या चटनी बनवाएं। बच्‍चे को उन चीजों को खाने में बहुत मजा आता है, जो उन्‍होंने खुद बनाई हो। बच्‍चे की पसंद के रंग या कैरेक्‍टर्स वाली चम्‍मच और प्‍लेट आदि में खाना सर्व करें। आप भी उसके साथ बैठकर वही खाएं और उससे खाने के बारे में बात करें।
स्‍क्रीन क्‍या करेगी – जब बच्‍चे का सारा ध्‍यान स्‍क्रीन पर रहेगा, तो वो अपनी बॉडी के संकेतों को नहीं समझ पाएगा। अगर आपको अपने टॉडलर बच्‍चे के स्‍क्रीन टाइम को कम करने में दिक्‍कत आ रही है, तो इसके लिए डॉक्‍टर ने कुछ टिप्‍स भी दिए हैं जिनके बारे में आगे बताया गया है।
क्‍या होता है असर? – इस पर डॉक्‍टर ने कहा कि जब स्‍क्रीन बच्‍चे को डॉमिनेट करती है, तो वो खाने के स्‍वाद के साथ ट्यून नहीं कर पाते हैं। जब बच्‍चा स्‍क्रीन से दूर रहेगा, तभी उसे समझ आएगा कि उसका पेट भर गया है और वो ओवरईटिंग नहीं करेगा। इससे बच्‍चा फूड को इंजॉय करेगा और अपनी बॉडी के संकेतों को समझ पाएगा। इस तरह बच्‍चे का संतुलित वजन बना रहेगा।
Dr ने दिया उदाहरण – डॉक्‍टर ने वीडियो में दिखाया कि कैसे खाने पर ज्‍यादा नींबू छिड़कने पर भी बच्‍ची उसे खा लेती है क्‍योंकि उसका सारा ध्‍यान तो टीवी पर होता है। उसे नींबू का तीखा स्‍वाद पसंद नहीं आ रहा है लेकिन फिर भी वो स्‍क्रीन पर देखने में इतनी मशगूल है कि उसे खाने का खराब स्‍वाद भी समझ नहीं आ रहा है। उसकी आंखें स्‍क्रीन से हट ही नहीं पा रही हैं।