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माघमास की नवरात्रि का महत्व

माघ मास में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस बार ये नवरात्रि 12 फरवरी से 21 फरवरी तक होगी और इस दौरान खास बात ये है कि ये दस दिन की होगी… इंदौर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में विगत 30 वर्षों से पुजारी की भूमिका निभा रहे श्री शालीग्राम शास्त्री के अनुसार वर्ष भर में चार नवरात्रि आती हैं, जिसमें से दो गुप्त होती है… एक आषाढ़ मास में और एक माघ में आती है… इस नवरात्रि में चुपचाप भगवती की आराधना की जाती है…  दोनों ही गुप्त नवरात्रि अमावस्या के बाद आती है… इस दौरान तांत्रिक और सिद्धि कार्य करने वालों को लाभ मिलता है… गुप्त नवरात्रि में भगवती की आराधना, पूजा-पाठ चुपचाप किया जाता है… इसमें उत्सव नहीं मनाया जाता है… वहीं चैत्र और अश्विन की नवरात्रि में घटस्थापना होती है, ज्वारे बोए जाते हैं और उसे उत्सव के रुप में मनाया जाता है… इस तरह भक्तों के लिए साल में हर तीन महीने में नवरात्रि आती है.. इस नवरात्रि में भी नौ दिन देवियों की पूजा की जाती है जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, काल रात्रि, महागौरी  और सिद्धिदात्री की आराधाना की जाती है। श्री शास्त्री बताते हैं कि अन्नपूर्णा मंदिर की स्थापना 1965 में हुई थी.. और अब मंदिर का जीर्णोद्धार हो रहा है और मार्बल पत्थर का मंदिर बनाया जा रहा है.. उनके मुताबिक मां भगवती के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं जाता है…

वहीं इंदौर स्थित हरसिद्धि मंदिर के मुख्य पुजारी श्री सुनील शुक्ला के अनुसार गुप्त नवरात्रि गुप्त साधनाओं, तंत्र साधनाओं की सिद्धि के लिए की जाती है। इसमें दस महाविद्याओं की पूजा का विधान है… जिसमें तारा, बगलामुखी और धूमावती शामिल हैं.. ये माघ मास में शुक्ल पक्ष में आती है.. इस बार छठ दो बार है इसलिए दस दिन के लिए होगी.. तिथियों की अधिकता होने से शुभ मानी जाती है…तिथियों का घटना ज्योतिष के अनुसार गलत माना जाता है… इस दौरान मंदिरों में चैत्र की तरह भक्तों की भीड़ नहीं होती है…