
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में रविवार को हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जमकर हिंसा देखने को मिली। इस खूनी हिंसा में प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी PTI के दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई, वहीं भीड़ ने कई पुलिसवालों को पीट दिया। ताजा मतगणना परिणामों के मुताबिक इमरान खान की पार्टी को साधारण बहुमत मिल गया है। हालांकि अभी चुनाव परिणाम की आधारिक घोषणा नहीं हुई है।
इस चुनाव परिणाम के बाद अब पीटीआई पीओके में सरकार बनाएगी। चुनाव परिणाम में पीटीआई को 25 सीटें मिली हैं। वहीं बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी को 9 सीटें मिली हैं और वह दूसरे तथा मरियम नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन को 6 सीटें मिली हैं। जम्मू-कश्मीर पीपील्स पार्टी और कश्मीर मुस्लिम कांफ्रेंस को भी एक-एक सीट मिली है। इससे पहले पीओके में विधानसभा के लिए रविवार को मतदान हुआ। इस दौरान चुनाव में गड़बड़ी और हिंसा के आरोप लगे, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई।
मतदान केंद्रों में शाम पांच बजे तक ही मतदाताओं के प्रवेश की अनुमति थी। हालांकि मतदान केंद्र के अंदर मौजूद लोगों को मतदान की अनुमति थी। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक जारी रहा। भारत ने इससे पहले गिलगित-बाल्तिस्तान में चुनाव कराने के पाकिस्तान के फैसले का विरोध किया था और कहा था कि सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र की स्थिति को बदलने के कार्य का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। पीओके विधानसभा में कुल 53 सदस्य हैं लेकिन इनमें से केवल 45 को सीधे निर्वाचित किया जा सकता है। इनमें पांच सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और तीन विज्ञान विशेषज्ञों के लिए हैं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच कड़ा त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद थी। हालांकि धांधली के आरोपों के बीच पीटीआई को अब साधारण बहुमत मिल गया है। अधिकारियों ने बताया कि मतदान खत्म होने के तुरंत बाद मतगणना शुरू हुई। इससे पहले दिन में कोटली जिले के चारहोई इलाके में एक मतदान केंद्र पर पीपीपी के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में पीटीआई के कम से कम दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि अज्ञात लोगों ने दो कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी।
चार सैनिकों की मौत हो गई, जबकि तीन सैनिक घायल : सेना ने एक बयान में बताया कि इसके अलावा क्षेत्र के लासवा इलाके में एक घुमावदार पहाड़ी सड़क मार्ग पर नीचे एक खड्ड में वाहन के गिर जाने से उसमें सवार कम से कम चार सैनिकों की मौत हो गई, जबकि तीन सैनिक और पेशे से ड्राइवर एक आम नागरिक घायल हो गए। ये सभी चुनाव के दौरान शांति बनाए रखने में मदद के लिए तैनात सैनिकों में शामिल थे। सेना के अनुसार, घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है। वहीं, एक अन्य घटना में झेलम घाटी जिले में एक मतदान केंद्र पर जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं के हमले में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए।
क्षेत्रीय चुनाव आयुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अब्दुल राशिद सुलेहरिया ने कोटली में हुई हत्या की वारदात की निंदा की और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, कई अन्य विधानसभा सीटों में भी हिंसा के चलते मतदान अस्थायी तौर पर स्थगित करना पड़ा। हिंसा की इन घटनाओं में कई लोग घायल हुए हैं और कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस बीच, पीपीपी कार्यकर्ताओं ने पीटीआई कार्यकर्ताओं पर मतदान प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाया। पीएमएल (एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा था कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मजबूती से डटकर ‘वोट के चोरों’ को बेनकाब कर रहे हैं।
विपक्ष ने मतदान के दौरान गड़बड़ी का लगाया आरोप : वहीं, पीएमएल (एन) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने ट्वीट कर कई विधानसभा सीटों में मतदान के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाया। पीटीआई ने सभी 45 निर्वाचित क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे थे जबकि पीएमएल-एन और पीपीपी ने 44 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे। कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) जिसे पाकिस्तान सरकार ने उसकी हिंसक गतिविधियों के लिए अप्रैल में प्रतिबंधित कर दिया था, वह 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी।
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध के बाद टीएलपी का पंजीकरण रद्द नहीं किया था जिससे वह भी चुनाव में हिस्सा ले पाई है। 33 निर्वाचन क्षेत्र पीओके में स्थित हैं जबकि 12 सीटें पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बसे शरणार्थियों के लिए हैं। पारंपरिक तौर पर, देश की सत्तारूढ़ पार्टी ही पीओके में चुनाव जीतती रही है। पीओके विधानसभा के लिए पिछला चुनाव जुलाई 2016 में हुआ था और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ नीत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने चुनाव जीता था।
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