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पाकिस्तानी सेना पर हमला करने वाले इमरान खान के समर्थकों की आई शामत, होगी 10 साल की जेल


पाकिस्तान में सैन्य प्रतिष्ठानों पर आगजनी के सिलसिले में गिरफ्तार अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की महिला समर्थकों को उनके ”अक्षम्य अपराध” के लिए 10 साल की जेल होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अताउल्ला तरार ने शनिवार शाम यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन हमलों के सरगना का पता लगाने के लिए संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा, “सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में शामिल महिलाओं समेत सभी लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी।”
तरार ने कहा, “नौ मई को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वाली महिलाओं को 10 साल की सजा मिलेगी क्योंकि उनका अपराध माफी के काबिल नहीं है।” उल्लेखनीय है कि नौ मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के बाहर अर्धसैनिक बलों द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद पाकिस्तान में व्यापक हिंसा भड़क उठी थी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान (70) को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
इमरान के खिलाफ सैन्य अदालत में चलेगा मुकदमा – पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि नौ मई को हुई हिंसक घटनाओं में कथित संलिप्तता को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ एक सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जा सकता है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर में आसिफ के हवाले से कहा गया है कि नौ मई की हिंसा में इमरान खान की संलिप्तता के साक्ष्य यदि आने वाले दिनों में सामने आते हैं, तो उन्हें सैन्य अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि नौ मई के हमले के संबंध में अब तक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख के खिलाफ अब तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। मंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से…इमरान खान के खिलाफ एक सैन्य अदालत में मुकदमा चलाये जा सकने की संभावना है। उन्होंने अपदस्थ प्रधानमंत्री पर शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चलाये जा सकने के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह कहा।
उनकी यह टिप्पणी गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि खान के खिलाफ एक सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जाएगा, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री नौ मई की घटनाओं के सूत्रधार रहे थे।