
प्रधानमंत्री इमरान खान ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चीन के वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्रों की सहायता के लिए वे हरसंभव कदम उठाएं। घातक कोरोना वायरस का पहला मामला वुहान से सामने आया था। यह इस संक्रमण का केंद्र बन चुका है और यहां फंसे पाकिस्तानी छात्रों के लिए कदम उठाने का सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक सरकार कह चुकी है कि वुहान से अपने नागरिकों को वह नहीं निकालेगी। इसके लिए उसका तर्क है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण अब तक 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 50,000 लोग इससे संक्रमित हैं। खान ने बुधवार रात ट्वीट किया, ‘‘मैंने विदेश मंत्रालय और अनिवासी नागरिकों से संबंधित मंत्रालय को निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि वुहान शहर में फंसे हमारे छात्रों की मदद के लिए वे हर संभव कदम उठाएं।” खान ने चीन के प्रति समर्थन जताया और इस खतरनाक वायरस से निपटने के लिए हर संभव सहायता देने का वादा किया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पाकिस्तान इस मुश्किल वक्त में चीन के लोगों और वहां की सरकार के साथ खड़ा है और जिस तरह चीन मुश्किल हालात में हमारे साथ रहा, उसी तरह पाकिस्तान भी हमेशा उनका साथ देगा। हम चीन को हर संभव समर्थन देंगे।” विदेश मंत्रालय के मुताबिक 28,000 से अधिक पाकिस्तानी छात्र चीन में पढ़ रहे हैं, इनमें से 500 वुहान में हैं। छात्र सोशल मीडिया के जरिए लगातार पाकिस्तानी सरकार से वापस लौटने में मदद करने की गुहार लगा रहे हैं। डॉन ने बताया कि चीनी मेडिकल यूनिवर्सिटी के पाकिस्तानी छात्र इस बात से परेशान हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को उनकी यूनिवर्सिटी के नजदीक स्थित इमारत में रखा गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद ने चीन के अधिकारियों से मरीजों को कहीं और रखने का अनुरोध किया है। छात्रों को वापस लाने के मुद्दे पर बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा की सीनेट स्थायी समिति में गरमागरम बहस छिड़ी। स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक डॉ. जफर मिर्जा ने कहा कि उन्होंने तथा कुछ अन्य अधिकारियों ने वीडियो लिंक के जरिए पाकिस्तानी छात्रों से बात की। उन्होंने कहा, ‘‘कहा जा रहा है कि छात्र परेशान हैं, डरे हुए हैं लेकिन इसके साथ ही कई छात्र बेहद खुश हैं और वे वापस नहीं लौटना चाहते।” मिर्जा ने कहा कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस का कोई मामला नहीं है।
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