
रूस की तरफ से यूक्रेन में जारी हमलों के बीच भारतीय समयानुसार रविवार देर रात 1.30 बजे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपातकालीन बैठक बुलाने का रास्ता साफ हो गया। अब यूक्रेन संकट को लेकर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपातकालीन बैठक होगी। संयुक्त राष्ट्र महासभा की आपातकालीन बैठक बुलाने के लिए सुरक्षा परिषद के 15 में 11 सदस्य देशों ने समर्थन में किया वोट किया। वहीं, भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
रूस ने इसके खिलाफ मतदान किया। भारत के साथ ही चीन और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि परिस्थितियों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए हमने वोटिंग से परहेज करने का निर्णय लिया। उन्होंने रेखांकित किया कि कूटनीति और संवाद के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई चारा नहीं है। भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने UNSC में बैठक में कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने रूस, यूक्रेन के नेतृत्व के साथ अपनी हालिया बातचीत में संवाद की वापसी की जोरदार वकालत की है। उन्होंने कहा कि हम बेलारूस सीमा पर वार्ता करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा आज की घोषणा का स्वागत करते हैं।
तिरुमूर्ति ने कहा कि सीमा पार की जटिल और अनिश्चित स्थिति से भारतीयों की निकासी के प्रयासों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बता दें कि 1950 से अब तक 193 सदस्यीय महासभा के ऐसे केवल 10 सत्र आहूत किए गए हैं, यह 11वां ऐसा आपातकालीन सत्र होगा। इससे पहले रूस के हमले की निंदा करने के लिए UNSC में लाए गए निंदा प्रस्ताव पर भी भारत ने मतदान नहीं किया था और रूस के वीटो करने के कारण प्रस्ताव गिर गया था। युद्ध से हो रही मौतों के बीच भारत ने पहली बार अपने वोट न करने के फैसले पर सफाई जारी की और खेद जताया था।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website