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इजरायल से 2 ‘आसमानी आंख’ खरीदने जा रहा भारत, चीन-पाक की हरकतों पर रखेगा पैनी नजर


चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरों के बीच भारत जल्द ही दो आसमानी आंखों को खरीदने जा रहा है। इनकी मदद से भारत के खिलाफ दो फ्रंट पर मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे देश के दुश्मनों पर पैनी नजर रखी जा सकेगी। भारतीय रक्षा मंत्रालय इसे लेकर जल्द ही इजरायल के साथ समझौते को अंतिम रूप दे सकता है।
इजरायल से खरीदे जाएंगे दो अवाक्स सिस्टम
इस समझौते के तहत इजरायल भारत को दो फाल्कन एयरबॉर्न वॉर्निग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) की सप्लाई करेगा। पहले भी इस डील की कीमत को लेकर भारत और इजरायल के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है। हालांकि, दोतरफा खतरे को देखते हुए इस समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए भारत पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
डील को जल्द मिल सकती है मंजूरी
इजरायल के फाल्कन अवाक्स को रूस की इल्यूसिन-76 हैवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट के ऊपर लगाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, इस डील को लेकर अंतर मंत्रालयी कमेटी में चर्चा हो चुकी है और जल्द ही इसे कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी के सामने अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
चीन-पाक से खतरा, रूसी टैंक से लेकर इजरायली मिसाइल पर भारत की नजर
लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में चीन के खिलाफ घातक कार्रवाई के लिए भारत ने कई हथियारों का चुनाव किया है, जिसमें लाइटवेट टैंक प्रमुख है। चीन ने पहले से ही सीमा पर अपने लाइटवेट टाइप-15 टैंक जिसे जेडटीक्यू -15 नाम से जाना जाता है, उसे तैनात कर चुका है। अब भारत रूस की बनी हुई 2S25 Sprut-SD टैंक को खरीदने पर विचार कर रहा है। इस टैंक में 125 एमएम की गन लगी हुई है जिसे किसी हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर के जरिए भी ऊंचाई वाले इलाके में तैनात किया जा सकता है।

भारत आने वाले राफेल विमान हवा से हवा में मार करने वाली बियांड विजुअल रेंज मिसाइल से लैस होंगे। यह मिसाइल दुश्मन के प्लेन को बिना देखे सीधे फायर किया जा सकता है। इसमें एक्टिव रडार सीकर लगा होता है जिससे मिसाइल को किसी भी मौसम में फायर किया जा सकता है। वहीं, स्कैल्प मिसाइल या स्ट्रॉम शैडो किसी भी बंकर को आसानी से तबाह कर सकती है। इसकी रेंज लगभग 560 किमी होती है।

इस एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल को इजरायल की रॉफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम ने बनाया है। स्पाइक एटीजीएम मिसाइल की सहायता से दुश्मनों के टैंकों को युद्ध के मैदान में आसानी से नष्ट किया जा सकता है। पाकिस्तान से बढ़ते खतरे को देखते हुए इजरायली एटीजीएम लेने का फैसला किया गया था क्योंकि भारत का स्वदेसी एटीजीएम अभी विकास की अवस्था में है।

भारतीय वायुसेना के लिए बियांड विजुअल रेंज एयर टू एयर डर्बी मिसाइल को खरीदने को लेकर भी भारत विचार कर रहा है। इसे भी इजरायली हथियार निर्माता कंपनी रॉफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम ने बनाया है। इसे भारत के एलसीए तेजस और मिराज-2000 विमानों में तैनात करने की योजना है। इसमें एक्टिव रडार सीकर लगा होता है जो मैक 4 की स्पीड से 50 किमी के रेंज में दुश्मन के एरियल टॉरगेट को नष्ट कर सकता है।

वायुसेना ने स्पाइस 2000 बम के एडवांस वर्जन को सेना में शामिल किया है। भारत ने इसे भी इजरायल से ही खरीदा था। स्पाइस एक गाइडेड बम है जो जीपीएस गाइडेंस के साथ काम करता है। यह बम किसी भी प्रकार के बंकर या घर को नष्ट करने की क्षमता रखता है। बालाकोट हमले में इसी बम का इस्तेमाल किया गया था।

भारत के पास पहले से तीन फाल्कन अवाक्स
भारतीय वायुसेना पहले से ही तीन फाल्कन अवाक्स को ऑपरेट करती है। इन्हें भारतीय वायुसेना में 2009 से लेकर 2011 के बीच शामिल किया गया था। सूत्रों के अनुसार, जिन दो अवाक्स को इजरायल से खरीदने की बातचीत चल रही है वे पहले के तीन फाल्कन की तुलना में अधिक ताकतवर होंगे। इनसे लंबी दूरी तक कई प्रकार के फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स पर नजर रखी जा सकेगी।