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भारत -ईरान की दोस्ती इतिहास जितनी पुरानी : मोदी

dc-Cover-1ojnm39e1ifmbacfir5i3g7jv3-20160523103556.Mediईरान की सफल यात्रा पूर्ण 

नई दिल्ली: तेहरान.ईरान दौरे पर नरेंद्र मोदी ने कई डील की। सोमवार को ईरान के प्रेसिडेंट हसन रोहानी से मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड और इकोनॉमिक सेक्टर में को-ऑपरेशन के लिए कई समझौते हुए। सबसे खास चाबहार पोर्ट की डील थी। इसके लिए भारत 3376 करोड़ रुपए मुहैया कराएगा। डील के बाद मोदी ने कहा, ”आज इतिहास बना।” दोनों देशों ने डील को ‘गेम चेंजर’ करार दिया। भारत अब अफगानिस्तान के जरिए सीधे ईरान से बिजनेस कर सकेगा। इस दौरान अफगान के प्रेसिडेंट भी वहां मौजूद थे।

ये हैं अहम समझौते…
1. ईरान में रेलवे लाइन बिछाएगा भारत: इरकॉन ईरान के चाबहार पोर्ट से जहेदान तक रेल लाइन बिछाएगा। इससे ईरान, अफगानिस्तान और एशिया तक भारत की पहुंच आसानी से हो सकेगी।
2. 15 करोड़ डॉलर की क्रेडिट लाइन: एक्सिम बैंक ऑफ इंडिया ईरान को 15 करोड़ डॉलर की क्रेडिट लाइन देगा।
3. अल्युमिनियम स्मेल्टर लगाएगा भारत: सरकारी कंपनी नाल्को ने एक एमओयू पर दस्तखत किए जिसके मुताबिक वह चाबहार फ्री ट्रेड जोन में 0.5 मिलियन टन का अल्युमिनियम स्मेल्टर लगाने के रास्ते के बारे में सोचेगा। बशर्ते ईरान कम कीमत पर नेचुरल गैस सप्लाई कराए।
4. एक्सपोर्ट गारंटी फंड : एक एमओयू ईरान के एक्सपोर्ट गारंटी फंड और भारत के एक्सपोर्ट गारंटी कॉरपोरेशन के बीच हुआ।
मोदी ने क्या कहा?
– ”भारत और ईरान की दोस्ती उतनी ही पुरानी है, जितना पुराना इतिहास है।”
– ”आतंकवाद को लेकर दोनों देश फिक्रमंद हैं। इससे निपटने के लिए हम साथ-साथ काम करेंगे।”
– ”भारत-ईरान और अफगानिस्तान के बीच एक नया रिश्ता शुरू हो रहा है। हम मिलकर काम करने को तैयार हैं।”
– ”भारत को फख्र है कि वो मुश्किल वक्त में भी ईरान के साथ खड़ा रहा।”
– ”मैं इस बात को कभी नहीं भूल सकता कि मेरे होम स्टेट गुजरात में जब भूकंप आया तो मदद के लिए आगे आना वाला पहला देश ईरान ही था।”
मोदी ने सुप्रीम लीडर को दिए गिफ्ट

– मोदी ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खमैनी को सेवंथ सेन्चुरी की रेयर कुरान गिफ्ट दी।
– साथ ही प्रेसिडेंट को मिर्जा गालिब की पोएट्री का एक कलेक्शन भी दिया।
– मोदी ने रोहानी को पर्सियन में ट्रांसलेटेड सुमैर चंद की ओर से लिखी गई रामायण की कॉपी गिफ्ट की।
– इससे पहले मोदी ने पंचतंत्र की फारसी में ट्रांसलेट कॉपी जारी की। इसमें भारत और ईरान के बीच कल्चरल रिलेशंस पर फोकस किया गया है।
फारसी कवि हाफेज को याद किया

– मोदी ने चाबहार में एक प्रोग्राम में अपनी स्पीच की शुरुआत फारसी कवि हाफेज को याद करते हुए की।
– उन्होंने कहा, रोज़े-हिज्रो-शबे-फ़ुर्क़ते-यार आख़र शुद ज़दम इन फ़ालो-गुज़श्त अख़्तरो कार आख़र शुद्।
– इसका मतलब है ‘जुदाई के दिन खत्‍म हो गए, इंतजार की रात खत्‍म हो रही है, हमारी दोस्‍ती हमेशा बरकरार रहेगी।
डील से क्या होगा फायदा?
– ईरान चाबहार पोर्ट को डेवलप करना चाहता है और भारत इसमें मदद को तैयार हो गया है। इसके फर्स्ट फेज के डेवलपमेंट के लिए दोनों देशों में डील सोमवार को हुई।
– ये डील इसलिए अहम है क्योंकि चीन, पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट का इस्तेमाल कर रहा है।

चाबहार पोर्ट पर करार पाक-चीन को भारत का माकूल जवाब है।
– चाबहार पोर्ट के तैयार हो जाने के बाद भारत और ईरान सीधे ट्रेड कर सकेंगे। भारतीय या ईरानी जहाजों को पाकिस्तान के रूट से नहीं जाना पड़ेगा।
– इस डील में अफगानिस्तान का भी अहम रोल होगा। भारत के जहाज सीधे अफगानिस्तान पहुंच सकेंगे।
– इस पोर्ट के तैयार होने से भारत रीजनल लेवल पर भी बेहद मजबूत हो जाएगा। वजह ये है कि अफगानिस्तान और ईरान तक भारत की सीधी पहुंच हो जाएगी।
– अफगानिस्तान में भारत का इंटररेस्ट किसी से छुपा नहीं है। भारत की यहां मजबूती पाकिस्तान और चीन के लिए बहुत बड़ा झटका है।
– यह पोर्ट ट्रेड और स्ट्रैटेजिक लिहाज से भारत के लिए काफी अहम है। इसलिए क्योंकि सी रूट से होते हुए भारत के जहाज ईरान में दाखिल हो सकते हैं और इसके जरिए अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया तक के बाजार भारतीय कंपनियों और कारोबारियों के लिए खुल जाएंगे।
भारत के लिए बड़ा मौका
– न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर इंटरनेशनल कम्युनिटी ने ईरान पर बैन लगाए थे। वर्ल्ड कम्युनिटी और ईरान के बीच हुए समझौते के बाद इस बैन को हटाया गया है।
– भारत सरकार के एक अफसर का कहना है कि ईरान पर से बैन हटाए जाने के बाद कोशिश है कि भारत इस मौके का फायदा उठाए और ईरान से ट्रेड तेजी से बढ़ाया जाए।
– अफसर के मुताबिक, मोदी की ईरान विजिट बेहद कामयाब हो सकती है। इसके फायदे बहुत जल्द नजर आएंगे।
– भारत की कई बड़ी कंपनियां ईरान में आईटी और दूसरे सेक्टर में काम करना चाहती हैं। इस विजिट से इन कंपनियों को फायदा होगा।
फरजाद गैस सेक्टर
– फारस की खाड़ी में ओएनजीसी की खोज वाले फरजाद-बी गैस क्षेत्र के डेवलपमेंट का अधिकार भी भारत लंबे समय से हासिल करना चाहता था। यह अब भारत को मिल भी गया है।
– दोनों देश अब इस पर आगे बढ़ सकते हैं। भारतीय ऑयल कंपनियों को इस स्कीम से काफी फायदा होगा।
चीन की भी ईरान पर नजर
– चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग जनवरी में ईरान गए थे। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन, ईरान और अमेरिका के बीच की दूरियों का फायदा अपने लिए उठाना चाहता है, लेकिन भारत इस मामले में आगे है। कल्चर के तौर पर भी भारत और ईरान काफी करीब हैं।
– मोदी को ईरान आने का न्योता खुद वहां के प्रेसिडेंट ने दिया है। ईरान रेलवे और आईटी सेक्टर में भारत से पहले ही मदद मांग चुका है।
भारत के लिए बड़ा मौका
– न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर इंटरनेशनल कम्युनिटी ने ईरान पर बैन लगाए थे। वर्ल्ड कम्युनिटी और ईरान के बीच हुए समझौते के बाद इस बैन को हटाया गया है।
– भारत सरकार के एक अफसर का कहना है कि ईरान पर से बैन हटाए जाने के बाद कोशिश है कि भारत इस मौके का फायदा उठाए और ईरान से ट्रेड तेजी से बढ़ाया जाए।
– अफसर के मुताबिक, मोदी की ईरान विजिट बेहद कामयाब हो सकती है। इसके फायदे बहुत जल्द नजर आएंगे।
– भारत की कई बड़ी कंपनियां ईरान में आईटी और दूसरे सेक्टर में काम करना चाहती हैं। इस विजिट से इन कंपनियों को फायदा होगा।