
चीन और पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर कतर पहुंचे हैं। उन्होंने सोमवार को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग मजबूत करने पर चर्चा की। बतौर विदेश मंत्री एस जयशंकर की यह खाड़ी देशों की उनकी पहली यात्रा है। कुछ दिन पहले ही भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे भी सऊदी अरब और यूएई के दौरे पर गए थे।
जयशंकर ने सौंपा पीएम मोदी का खास संदेश : इस दौरान जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत संदेश कतर के अमीर शेख तमीम को सौंपा। जयशंकर ने ट्वीट किया कि कतर के अमीर तमीम बिन हमद से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी संदेश उन्हें सौंपा। भारतीय समुदाय के प्रति महामहिम की गर्मजोशी भरी भावनाओं की कद्र करता हूं। अपनी भागीदारी को नये स्तर पर ले जाने के उनके विचार से प्रभावित हूं।
कतर के पूर्व शेख से भी मिले विदेश मंत्री : जयशंकर ने अमीर के पिता शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी से भी मुलाकात की, जिन्होंने 2013 में सत्ता अपने बेटे शेख तमीम को सौंप दी थी। मंत्री ने ट्वीट किया कि उनके पिता अमीर शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी से मुलाकात हुई। उनके नेतृत्व से भारत-कतर संबंधों को सतत दिशा मिल रही है। वैश्विक एवं क्षेत्रीय प्रगति पर उनकी दृष्टि की सराहना करता हूं।
भारतीय सेना के अनुसार, जनरल नरवणे ने संयुक्त अरब अमीरात के लैंड फोर्सेज एंड स्टाफ के कमांडर मेजर जनरल सालेह मोहम्मद सालेह अल अमीरी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों अधिकारियों के बीच आपसी हितों और रक्षा सहयोग के मुख्य मुद्दों पर चर्चा भी हुई। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दो खाड़ी देशों की यह किसी भी भारतीय सेना प्रमुख की पहली यात्रा है।
भारतीय सेना ने बताया कि जनरल नरवणे को संयुक्त अरब अमीरात के लैंड फोर्सेज के मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। जिसके बाद उन्होंने मार्टियर्स प्वाइंट पर पुष्पचक्र अर्पित किया। भारतीय सेना के अतिरिक्त सार्वजनिक सूचना महानिदेशालय ने शुक्रवार को एक ट्वीट में बताया कि सेना प्रमुख ने लैंड फोर्सेज एंड स्टाफ के कमांडर मेजर जनरल सालेह मोहम्मद सालेह अल अमीरी से मुलाकात की और आपसी हितों और सुरक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की।
बयान में बताया गया कि जनरल नरवणे ने लैंड फोर्सेज इंस्टीट्यूट, इनफैंट्री स्कूल एंड आर्मर स्कूल का भी दौरा किया। सेना प्रमुख की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा का मकसद द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करना है। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ हो रहे संबंधों को दिखाती है और ऐसी अपेक्षाएं हैं कि इससे रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग के नए आयाम खुलेंगे। ज
जनरल नरवणे की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब खाड़ी क्षेत्र में तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं और इन घटनाक्रमों में कई अरब देशों का इजरायल के साथ संबंधों का सामान्य होना है। वहीं यह यात्रा ईरान के शीर्ष परमाणु हथियार वैज्ञानिक मोहसिन फाखरिजादेह की हत्या के बाद पैदा हुई स्थितियों के बीच हो रही है। पाकिस्तान भी चीन के साथ मिलकर होरमुज की खाड़ी और अदन की खाड़ी के बीच गश्त कर रहा है। ऐसे में भारत भी यूएई और सऊदी की मदद से इस क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने की तैयारी में है।
आधिकारिक सूचना के अनुसार सेना प्रमुख 13-14 दिसंबर को सऊदी अरब की यात्रा पर होंगे। जनरल नरवणे की खाड़ी क्षेत्र की यात्रा से कुछ दिन पहले ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की है।
कतर के गृहमंत्री से की मुलाकात : उन्होंने प्रधानमंत्री खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुलअजीज अल थानी से भी मुलाकात की, जो खाड़ी देश के गृह मंत्री भी हैं। जयशंकर ने ट्वीट किया कि कतर में भारतीय समुदाय के लोगों की कोविड-19 महामारी के दौरान देखभाल के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अपने द्विपक्षीय आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।’’
जयशंकर ने उद्यमियों को भी किया संबोधित : महामारी के दौरान भारत और कतर के बीच उच्चस्तरीय संपर्क बना रहा। जयशंकर ने रविवार को कतर में उद्यमियों से मुलाकात की थी और भारत में निवेश के अवसरों पर चर्चा की थी। जयशंकर ने देश में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ डिजिटल वार्ता से पहले कतर के नेशनल म्यूजियम का भी दौरा किया। कतर में करीब सात लाख भारतीय रहते हैं। सरकारी आंकड़े के मुताबिक दोनों देशों के बीच 2019-20 में द्विपक्षीय व्यापार 10.95 अरब डॉलर था।
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