Thursday , August 7 2025 2:28 PM
Home / News / India / भारत की चीन को चेतावनी, हरकतों से बाज आए ड्रैगन, तभी LAC पर खत्म होगा तनाव

भारत की चीन को चेतावनी, हरकतों से बाज आए ड्रैगन, तभी LAC पर खत्म होगा तनाव


पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना से हिंसक झड़प करने के बाद गलवान घाटी पर दावा ठोंकने वाले चीन को भारत ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि उसकी हरकतों के नतीजे दोनों के बीच संबंधों पर दिखाई देंगे। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने साफ-साफ कहा है कि चीन LAC पर नए ढांचे बनाना बंद करे, तभी दोनों के बीच शांति स्थापित की जा सकती है। गौरतलब है कि भारत में चीन के राजदूत ने शांति स्थापित करने को भारत की जिम्मेदारी बताया था।
मिस्री ने शुक्रवार को कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मिलिट्री स्टैंडऑफ को सुलझाने का सिर्फ एक तरीका है कि चीन नए ढांचे खड़े करना बंद करे। उन्होंने कहा, ‘चीन के गलवान घाटी पर दावे का समर्थन बिलकुल नहीं किया जा सकता। यह बढ़ा-चढ़ाकर दावे करने से कोई फायदा नहीं होगा। चीन की यथास्थिति को बदलने की कोशिश के नतीजे जमीन पर दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर दिखाई देंगे।’ मिस्री ने यह भी कहा है कि बाकी के द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए सीमा पर शांति स्थापित करना बेहद जरूरी है।
15 जून को गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद भारत लद्दाख में अपनी सैन्य ताकत लगातार बढ़ा रहा है। गुरुवार को भी लद्दाख के आसमान में भारतीय वायु सेना के फाइटर जेट उड़ान भरते दिखे। लेह स्थित मिलिट्री बेस से बीते तीन दिनों में कई भारतीय जेट ने उड़ान भरी और 240 किलोमीटर दूर स्थित सीमा रेखा तक दौरा किया है।
लद्दाख पहुंचे स्पेशल ट्रूप्स, फॉर्वर्ड पोस्टों पर तैनाती
एलएसी के विवादित इलाकों में हड्डियां गलाने वाली ठंड है। ऐसे में वहां चीनी सेना को जवाब देने के लिए ऐसी टीमों की तैनाती की गई है जिन्हें उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में लड़ने की ट्रेनिंग मिली हुई है। सेना और आईटीबीपी की इन घातक टीमों को फॉरवर्ड लोकेशंस पर भेजा जा चुका है।
​रिटायर्ड कैप्टन बोले, लेह में ऐसी सैन्य मौजूदगी पहले नहीं देखी
लेह में रहने वाले भारतीय सेना के रिटायर्ड कैप्टन ताशी छेपाल ने कहा कि मैंने अपने जीवनकाल में लेह में ऐसी सैन्य मौजूदगी पहले कभी नहीं देखी है। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी से बताया कि इलाके में अब हमारी सैन्य मौजूदगी पर्याप्त मात्रा में है।
अत्याधुनिक अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर भी पहुंचे लद्दाख
हाल ही में वायुसेना में शामिल हुए अत्याधुनिक चिनूक और अपाचे हेलिकॉप्टर भी लद्दाख के आसमान में दिखाई दिए। बुधवार को लद्दाख एयरबेस से चिनूक हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी थी।
बर्फीले रेगिस्तान में कदमताल करते सेना के जवान
गुरुवार को बर्फीले रेगिस्तान कहे जाने वाले लद्दाख में कदमताल करते सेना के जवान। चीन से तनाव के बीच लेह जाने वाले कई रास्तों पर मिलिट्री चेकपोस्ट बनाए गए हैं। शहर में आर्मी की गतिविधियां भी बढ़ गई हैं। लेह के निवासियों ने शहर की सड़कों पर भारी मात्रा में आर्मी के ट्रकों और आर्टिलरी की मौजूदगी की पुष्टि की है।
​लद्दाख में चीन पहले भी करता रहा है ऐसी हरकतें
1999 में जब भारत का ध्‍यान करगिल में पाकिस्‍तान की घुसपैठ पर था, तब चीन ने अपने बेस से लेकर फिंगर 4 तक एक कच्‍ची सड़क बना ली थी। बाद में इसे पक्‍का कर दिया गया। एक मिलिट्री ऑफिसर के अनुसार, ‘PLA के सैनिक अक्‍सर फिंगर 8 और सिरजप की पोस्‍ट से अपनी पोस्‍ट से गाड़‍ियों में बैठकर इस इलाके में पैट्रोल करते थे। लेकिन फिंगर 2 तक दावा करने के बाजवूद उन्‍होंने इसपर कभी कब्‍जा नहीं किया था लेकिन अब उन्‍होंने फिंगर 4-8 के बीच डिफेंस स्‍ट्रक्‍चर तैयार कर लिए हैं। वे ऊंचाइयों पर मौजूद हैं।’
आर्मी, एयरफोर्स चीफ कर चुके हैं लद्दाख का दौरा
गलवान में हिंसक झड़प और 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद आर्मी चीफ जनरल नरवणे पहली बार लद्दाख पहुंचे। पिछले हफ्ते ही वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने भी लद्दाख और श्रीनगर वायु सैनिक अड्डों का दौरा किया था और क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना की तैयारियों का जायजा लिया था।
सीमा पर पीछे हटता नहीं दिख रहा ड्रैगन
दरअसल, 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद होने के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत हुई थी और दोनों सेनाएं पीछे हटने पर सहमत हुई थीं। हालांकि, लगातार सामने आ रहीं सैटलाइट तस्वीरों से संकेत मिल रहे हैं कि चीन की सेना पीछे हटना तो दूर, अलग-अलग इलाकों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। पैन्गॉन्ग झील के किनारे, कोंगका और हॉटस्प्रिंग्स के क्षेत्र में और यहां तक कि जिस जगह 15 जून की झड़प हुई थी, वहां भी उसके नए ढांचे दिखाई दे रहे हैं।
पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास खड़ा किया ढांचा
भारत के कड़े विरोध के बावजूद चीन की सेना ने एक बार फिर पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के आसपास कुछ ढांचा खड़ा किया है। पिछले कुछ दिनों से चीन गलवान घाटी पर अपना दावा किया है जिसे भारत ने खारिज कर दिया है। पैंगोंग सो और गलवान घाटी के अलावा दोनों सेनाएं देमचॉक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी आमने सामने हैं। बड़ी संख्या में चीन के सैनिकों ने एलएसी पर भारत की सीमा में घुसपैठ की।
15 जून के बाद से खाली थी पोस्ट
बताया जा रहा है कि पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के पास 15 जून को हुई हिंसा के बाद से यह पोस्ट चीन ने खाली कर दी थी। यहां थोड़ी संख्या में ही चीनी सैनिक तैनात थे। इस बीच बातचीत की आड़ में चीन ने फिर एक बार इस पोस्ट पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। इतना ही नहीं, इस पोस्ट तक भारी वाहनों को लाने के लिए चीन ने एक सड़क का भी निर्माण किया है।
पोस्ट तक आने के लिए चीन ने बनाई सड़क
चीन ने पेट्रोलिंग पॉइंट 14 तक आने के लिए एक सड़क का भी निर्माण किया है। सैटेलाइट इमेज से इसका खुलासा हुआ है कि चीन ने नदी के किनारे-किनारे धारा के प्रवाह को रोकते हुए सड़क बनाई है। इस सड़क के किनारों पर चीनी सेना के कई आउटपोस्ट भी नजर आ रहे हैं। वहीं चीन की भारी मशीनरी भी दिखाई दे रही हैं।
कराकोरम दर्रे और दौलत ओल्ड बेगी पर चीन की नजर
सूत्रों के मुताबिक गलवान घाटी और पैंगोग सो के बाद अब वह दौलत बेग ओल्डी में भी भारतीय सेना की गश्त में बाधा डाल रहा है। चीन ने दौलत बेग ओल्डी और डेस्पांग सेक्टर के पास अपने तंबू गाड़ दिए हैं। वहां चीनी सेना के बेस में हलचल तेज हो गई है। जून की सैटेलाइट तस्वीरों में इसका खुलासा हुआ है। वहां चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने भी वहां अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
पीछे नहीं हटी चीनी सेना
अमेरिकी स्पेस टेक्नोलॉजी फर्म मैक्सार टेक्नोलॉजीज से मिली सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि चीन की सेना गलवान घाटी से पीछे नहीं हटी है। 15 जून को जहां दोनों सेनाओं में हिंसक झड़प हुई थी। सूत्रों का कहना है कि चीन कराकोरम दर्रे के पास के इलाके में भी घुसपैठ करना चाहता है। यह दर्रा सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है।
चीन से इन प्वाइंट पर है विवाद
पेंगोंग सो और गलवान घाटी के अलावा दोनों देश की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के देमचोक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी गतिरोध जारी है। बड़ी संख्या में चीनी सेना के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर आ गए थे। यह जानकारी देने वाले लोगों ने बताया कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई महत्वपूर्ण सेक्टरों पर सैनिकों की संख्या और हथियार दोनों बढ़ा दिए हैं।
बातचीत के बीच एलएसी पर सेना बढ़ा रहा चीन
बता दें कि चीन ऐसे वक्त में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है जब दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है। दोनों देशों की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों की सोमवार को बैठक हुई जो करीब घंटे चली और इस दौरान दोनों पक्षों में सहमति बनी कि वे पूर्वी लद्दाख में सभी संघर्ष बिन्दुओं पर गतिरोध को धीरे-धीरे कम करेंगे। दोनों पक्षों के बीच बुधवार को कूटनीतिक वार्ता भी हुई।
चीनी राजदूत ने कहा, भारत पर शांति की जिम्मेदारी
यही नहीं, भारत में चीन से राजदूत सुन वेइडोंग ने भारतीय सेना पर उलटा आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय सेना ने LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पार की थी और चीन के बॉर्डर की रखवाली करने वाले दस्ते पर हमला बोला था। वेइडोंग ने यह भी कहा कि भारतीय सेना ने ही दोनों देशों के बीच तय अग्रीमेंट को तोड़ा है। हम भारत से अपील करते हैं कि वह इसकी जांच कराए। दोनों सेनाओं के बीच गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है।