
इस समय भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है, ऐसे में ग्रीन एनर्जी पर फोकस और ज्यादा रहेगा। भारत सरकार ग्रीन एनर्जी को लेकर दुनिया के अन्य देशों के साथ तालमेल स्थापित कर रही है यही कारण है कि सरकार ने अपने वित्तीय बजट में ग्रीन एनर्जी के लिए बड़ी योजना बनाई है। सरकार ने ग्रीन फ्यूल, ग्रीन फार्मिंग, ग्रीन मॉबिलिटी, ग्रीन बिल्डिंग्स और हरित उपकरण से संबंधित पहलों के लिए कई उपायों की घोषणा की है क्योंकि सरकार ग्रीन एनर्जी पर बहुत अधिक फोकस कर रही है।
वहीं दूसरी ओर, सरकार ने हाल ही में लॉन्च किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,700 करोड़ रुपए का बजट रखा जिसमें कहा गया है कि यह अर्थव्यवस्था को कम कार्बन तीव्रता में बदलने की सुविधा प्रदान करेगा। इसमें 2030 तक हरित हाइड्रोजन के 500 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) के वार्षिक उत्पादन का टारगेट रखा गया है। सुजलॉन एनर्जी के वाइस चेयरमैन गिरीश आर तांती ने कहा, ‘केंद्रीय बजट भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। ग्रीन एनर्जी ट्रांसमिशन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का आवंटन सही दिशा में एक कदम है और एक स्थायी भविष्य के लिए देश की इच्छा को प्रदर्शित करता है।’
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