
ईरान की सरकार ने अपने सैन्य कमांडरों को यमन से वापस आने के लिए कहा है। ये ईरानी सैन्य अधिकारी हूती विद्रोहियों की मदद के लिए यमन में मौजूद थे। ईरान को डर सता रहा है कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो अमेरिका से उसकी सीधी भिड़त हो सकती है।
अमेरिका और इजरायल के भीषण हमलों के बीच ईरान ने यमन के हूती विद्रोहियों को बड़ा झटका दिया है। ईरान की सरकार ने अपने सैन्य कमांडरों से कहा है कि वे तुरंत यमन को छोड़ दें। बताया जा रहा है कि अमेरिका और इजरायली हमलों के खौफ से ईरान ने यह कदम उठाया है। इससे हूती विद्रोही अब अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। वहीं अमेरिका ने हूतियों के खिलाफ भीषण हमले तेज कर दिए हैं और इसमें उसके परमाणु बॉम्बर बी-2 भी हिस्सा लेने लगे हैं। एक ईरानी अधिकारी ने सीधे अमेरिका से भिड़ने से बचने के लिए ईरान की सरकार ने अपने सैनिकों को वापस आने के लिए कहा है।
बताया जा रहा है कि अमेरिका के इन हमलों में ईरान के एक सैनिक की भी मौत हो गई है। ईरान का यह कदम उसकी क्षेत्रीय नीति में बहुत बड़ा बदलाव होता दिख रहा है। ईरान अपने प्रॉक्सी संगठनों हमास, हूती और हिज्बुल्लाह से सपोर्ट कम कर रहा है ताकि उसकी सीधी लड़ाई अमेरिका से न हो। ईरानी अधिकारी ने बताया कि ईरान के लिए मुख्य चिंता का विषय ट्रंप हैं और उनसे कैसे निपटा जाए। ईरान की हर बैठक में ट्रंप पर ही चर्चा होती है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने ईरान के खिलाफ अपने दबाव को बढ़ा दिया है।
ईरान को ट्रंप ने हूतियों पर दी खुली चेतावनी – डोनाल्ड ट्रंप लगातार ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम और हूतियों को दिए जाने वाले सपोर्ट को बंद करने के लिए कह रहे हैं और उसे चेतावनी भी दे रहे हैं। ट्रंप ने अपने दो परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर को ईरान के पास तैनात किया है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर बी-2 बॉम्बर को डिएगो गार्सिया में तैनात किया है। उन्होंने कहा कि ईरान के समर्थन वाले हूतियों की ओर से कोई भी किया जाता है तो इसे तेहरान की ओर से किया गया हमला माना जाएगा। ईरानी सूत्रों का यह भी कहना है कि अमेरिका अगर लगातार बमबारी करता रहा तो हूती विद्रोही इसके आगे ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाएंगे।
ईरानी सूत्र ने कहा कि हूती अपने आखिरी महीनों या दिन में चल रहे हैं। अमेरिका लगभग हर दिन यमन में विद्रोहियों के ठिकाने पर हमला कर रहा है। ताजा हमले में यमन में हूती विद्रोही-नियंत्रित क्षेत्रों में बुधवार को संदिग्ध अमेरिकी हवाई हमले में कम से कम छह लोग मारे गए। हूती विद्रोहियों की ओर से मृतकों के संबंध में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान यमन में विद्रोहियों को निशाना बनाते हुए किए गए हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है और इन हमलों में कम से कम 67 लोग मारे गए हैं।
अमेरिका ने यमन को बम से पाट डाला – हालांकि, अभी तक अभियान और उसके लक्ष्यों के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन ‘वाइट हाउस’ (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को हमलों की कुल संख्या 200 से अधिक बताई है। लेविट ने कहा, ‘इन हमलों के परिणामस्वरूप ईरान अविश्वसनीय रूप से कमजोर हो गया है और हमने देखा है कि उन्होंने हूती नेताओं को मार गिराया है।’ हालांकि, हूती विद्रोहियों ने अभी तक अपने किसी भी नेता की मौत की बात स्वीकार नहीं की है, उधर अमेरिका ने भी किसी भी मारे गए विद्रोही नेता का नाम उजागर नहीं किया है। ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के लीक होने पर यह जानकारी सामने आई है कि विद्रोहियों के मिसाइल बल के एक नेता को निशाना बनाया गया था।
Home / News / ईरान ने हूतियों को मरने के लिए अकेला छोड़ा! यमन से वापस बुलाए सैन्य कमांडर, अमेरिका-इजरायल मचा रहे तबाही
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