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ईरान ने सऊदी अरब में 7 साल बाद फिर खोला दूतावास, चीन के सामने फेल हुई अमेरिकी कूटनीति


ईरान ने सऊदी अरब के रियाद में अपने दूतावास को फिर से खोल दिया है। इसी के साथ खाड़ी के दो अहम देशों के बीच सात सात के बाद राजनयिक रिश्ते बहाल हो गए हैं। ईरानी विदेश प्रवक्ता नासिर कनानी ने एक दिन पहले ही कहा था कि रियाद में ईरानी दूतावास, जेद्दा में महावाणिज्य दूतावास और इस्लामिक सहयोग संगठन के स्थायी प्रतिनिधि का कार्यालय मंगलवार और बुधवार को आधिकारिक तौर पर फिर से खुल जाएंगे। चीन की मध्यस्थता में ईरान और सऊदी अरब मार्च में राजनयिक रिश्ते बहाल करने पर सहमत हुए थे। इसे अमेरिका के लिए बड़ी कूटनीतिक हार माना जा रहा है।
2016 में सऊदी ने तोड़ा था रिश्ता – सऊदी अरब ने 2016 में ईरान के साथ अपने राजनयिक रिश्ते तोड़ दिए थे। दरअसल, सऊदी अरब में एक अहम शिया धर्म गुरू और 46 अन्य लोगों को मौत की सज़ा देने के बाद ईरान में भड़के प्रदर्शनों के दौरान तेहरान और मशहद शहर में सऊदी राजनयिक मिशन पर हमले किए गए थे। कनानी ने कहा कि हज करने के लिए सऊदी अरब जाने वाले ईरानी तीर्थयात्रियों की मदद के लिए रियाद में ईरान के दूतावास और जेद्दा में इसके महावाणिज्य दूतावास ने पहले ही काम करना शुरू कर दिया है।
अमेरिका की हार क्यों बता रहे विशेषज्ञ – अमेरिका का ईरान के साथ राजनयिक संबंध नहीं है। अमेरिका ने ईरान के खिलाफ कई प्रतिबंध लगा रखे हैं। ईरान के साथ व्यापार करने वाले देशों और लोगों पर भी अमेरिका प्रतिबंध लगाता है। वहीं, सऊदी अरब को अब तक अमेरिका का काफी करीबी समझा जाता था। सऊदी अरब सुन्नी बहुल देश है,जबकि ईरान शिया बहुल। इतने विरोधाभासों के बावजूद चीन की मध्यस्थता में दोनों देशों ने पुरानी दुश्मनी को भुलाकर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।