
ईरान की एलीट रिवोल्यूशनरी गार्ड ने पाकिस्तान में एक खुफिया ऑपरेशन को अंजाम देकर अपने दो सैनिकों को छुड़ा लिया है। एनाडोलु एजेंसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान के इन दो सैनिकों का 2018 में अपहरण कर लिया गया था। वहीं, पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया गया है कि दरअसल यह एक अदला-बदली थी। जिसमें ईरान ने बातचीत के बाद जैश उल अदल नाम के एक संगठन के 4 सदस्यों को रिहा किया। वहीं, इस संगठन ने 2018 में अगवा किए गए ईरानी सेना के दो सैनिकों को छोड़ा है। हालांकि, दोनों घटनाओं का आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
ईरानी सेना के बयान में किया गया दावा : ईरानी सेना के एक आधिकारिक दस्तावेज में बताया गया है कि मंगलवार रात को एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इसमें लगभग ढाई साल पहले जैश उल अदल नाम के एक संगठन द्वारा अगवा किए गए ईरानी सेना के दो बॉर्डर गार्ड्स को छुड़ाया गया है। इस बयान में कहा गया है कि सैनिकों को वापस ईरान लाया जा चुका है।
ईरानी सैनिकों का कब हुआ था अपहरण : एनाडोलु एजेंसी एजेंसी ने बताया कि 16 अक्टूबर 2018 को जैश उल अदल नाम के एक आतंकी संगठन ने ईरानी सेना के 12 बार्डर गार्ड्स का अपहरण कर लिया था। इस घटना को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के मर्कवा शहर में अंजाम दिया गया। यह इलाका पाकिस्तान-ईरान सीमा के नजदीक स्थित है। जिसके बाद दोनों देश की सेना ने जवानों को छुड़ाने के लिए एक ज्वाइंट कमेटी भी बनाई थी।
ईरान में आतंकी संगठन घोषित है जैश उल अदल : जैश उल अदल इनमें से 5 सैनिकों को नवंबर 2018 में छोड़ दिया था। 21 मार्च 2019 को पाकिस्तानी सेना ने अपनी कार्रवाई में ईरानी सेना के 4 अन्य सदस्यों का रेस्क्यू कर लिया था। दावा किया गया है कि ईरान ने जैश उल अदल को आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है। यह संगठन ईरान के खिलाफ सशस्त्र अभियान चलाता रहता है। इसमें बलोच सुन्नी मुसलमान शामिल हैं।
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