
ब्रिक्स में पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे। इस साल मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया और ईरान भी इस ग्रुप में शामिल हो गए हैं। ऐसे में ईरान की ओर से राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ब्रिक्स में शामिल होने के लिए रूस के कजान आए हुए हैं।
रूस के कजान में हो रहे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान से मुलाकात की है। ब्रिक्स समिट से इतर दोनों नेताओं के बीच कजान में द्विपक्षीय बैठक हुई है। बैठक में पीएम मोदी और प्रेसिडेंट पेजेश्कियान के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई और दोनों पक्षों ने इसे सार्थक चर्चा कहा है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मसूद ने ने चाबहार बंदरगाह, इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के अलावा पश्चिम एशिया में तनाव कम करने पर चर्चा की है। दोनों नेताओं के बीच अफगानिस्तान की स्थिति पर भी चर्चा हुई है। बैठक के बाद पीएम मोदी के साथ बातचीत के अनुभव पर हुए सवाल पर ईरानी राष्ट्रपति मसूद ने ‘बहुत अच्छा’ कहकर जवाब दिया।
राष्ट्रपति बनने के बाद पेजेश्कियान की ये नरेंद्र मोदी के साथ पहली मुलाकात है। मसूद पेजेश्कियान की भारतीय पीएम ये ये मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब ईरान का इजरायल से तनाव काफी बढ़ा हुआ है और पश्चिम एशिया में युद्ध जैसे हालात हैं। इजरायल के लेबनान पर हवाई हमले में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान ने इस महीने की शुरुआत में इजरायल पर मिसाइल अटैक किया था। इसके बाद तनाव काफी बढ़ गया था।
पश्चिम एशिया में बढ़े तनाव में इजरायल और ईरान ने भारत से शांति लाने में सहयोग की उम्मीद की है। दोनों देशों से इस तरह के बयान हालिया समय में आए हैं।ऐसे में इस बैठक पर दुनिया की नजर लगी थी। नरेंद्र मोदी और पेजेश्कियान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए कजान में हैं।
रूसी राष्ट्रपति के साथ भी हुई पीएम मोदी की बैठक – ईरान के राष्ट्रपति के साथ बैठक से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी के बीच रूस के कजान शहर में द्विपक्षीय बैठक हुई। बैठक में दोनों नेताओं के बीच गहरी दोस्ती की झलक देखने को मिली। नरेंद्र मोदी ने बैठक में कहा कि पिछले तीन महीनों में रूस की उनकी दो यात्राएं दोनों देशों के बीच घनिष्ठ समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि 15 वर्षों में ब्रिक्स ने अपनी विशेष पहचान बनाई है और अब विश्व के अनेक देश इससे जुड़ना चाहते हैं। बैठक में रूसी राष्ट्रपति ने भारत से दोस्ती पर कहा कि हमारे संबंध इतने मजबूत हैं कि आप (पीएम मोदी) बिना किसी अनुवाद के मेरी बात समझ जाएंगे। पुतिन ने कजान में भारत के महावाणिज्य दूतावास खोलने के फैसले का भी स्वागत किया।
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