
इराक ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए आतंकवाद रोधी कानून के तहत दोषी करार 21 अपराधियों एक साथ फांसी पर लटका दिया। एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में फांसी की खबर फैलते ही मानवाधिकार संगठनों ने इराक सरकार का विरोध शुरू कर दिया है। इराक की कुख्यात नासिरियाह जेल में सभी को फांसी पर चढ़ाया गया। इराक द्वारा कहा गया है कि जिन लोगों को फांसी की सजा दी गई, उन्हें 2005 के आतंकवाद-रोधी कानून के तहत दोषी ठहराया गया था लेकिन सरकार की तरफ से इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है कि फांसी पर लटकाए गए लोगों ने किस तरह की आतंकी गतिविधियों में भाग लिया था।
धी क्वर प्रांत स्थित नासिरियाह जेल में फांसी की सजा को अमल में लाया गया। इराक में केवल यही एक जेल है जहां मृत्यु दंड पाए कैदियों को रखा जाता है। सद्दाम हुसैन शासन के पूर्व अधिकारियों को भी इसी जेल में फांसी दी गई थी। बता दें कि कट्टर इस्लामिक देश इराक में फांसी की सजा आम है। तमाम विरोध-प्रदर्शनों के बावजूद यहां की सरकार ने कैपिटल पनिशमेंट को खत्म नहीं किया है। 2017 के अंत में आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट पर जीत के बाद इराक ने जिहादी समूह के प्रति निष्ठा का हवाला देते हुए अपने ही सैकड़ों नागरिकों को मौत की सजा सुनाई थी।
हालांकि इनमें से कुछ ही लोगों की सूली पर चढ़ाया गया क्योंकि इराक में फांसी की सजा को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना जरूरी है और उस वक्त यह संभव नहीं हो पाया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति बरहाम सालिह ने सोमवार की आतंकवाद रोधी कानून के तहत दोषी करार दिए गए 21 लोगों को फांसी पर लटकाए जाने को मंजूरी दी। बता दें कि 2019 में इराक में 100 लोगों को फांसी की सजा दी गई। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार इराक मौत की सजा देने वाले देशों में पांचवें स्थान पर है।
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