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क्‍या आपका बच्‍चा स्‍कूल में बन रहा गुंडा? इन तरीकों से सिखाएं उसे सम्‍मान


क्‍या आपने यह वीडियो देखा। इसे देखते वक्‍त आपको रोंगटे जरूर खड़े हो गए होंगे। यह वीडियो कुछ दिन पहले तक इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहा था, जिसमें एक बच्‍चा दूसरे बच्‍चे को बेरहमी से पीट रहा था। यह घटना एक प्री स्‍कूल की थी, जहां क्‍लास में कोई टीचर नहीं थी। 2 मिनट 20 सेकंड की ये क्लिप स्‍कूल की क्‍लास से सामने आई है, जिसे देखने के बाद देशभर के पैरेंट्स के बीच आक्रोश फैल गया था और हर कोई पूछ रहा था कि यह कैसे हुआ।
बता दें कि इस वीडियो को सिटीजन्स मूवमेंट ईस्‍ट बेंगलुरु नाम के ट्विटर अकाउंट से शेयर किया था। स्‍कूल बेंगलुरु के चिक्कालसंद्र में है। ट्वीट में लोगों से गुजारिश की गई है कि कृपया अपने बच्‍चे को वहां ना भेजें।
​क्‍या है पूरा मामला – इस वीडियो में कुछ बच्‍चे बंद कमरे में खिलौनों के साथ दिखाई दे रहे हैं। अगर आपने वीडियो ध्‍यान से देखा है, तो नीली साड़ी में एक महिला दरवाजे के पास खड़ी नजर आ रही है। वह एक बच्चे को कमरे के बाहर ले जाती है, बाकी को अंदर अकेला छोड़ देती है। तभी अचानक से एक बच्चा दूर बैठे बच्‍चे को मारना शुरू कर देता है। यहां ज्‍यादातर बच्‍चे खिड़की और दरवाजे के पास खड़े हैं। देखकर ऐसा लग रहा है, मानो वे बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हों।
बच्‍चे को दूसरे का सम्‍मान करना सिखाएं – माता-पिता अपने बच्चों के व्यवहार को आकार देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बचपन से ही बच्‍चों के मन में दयालुता का भाव डालें, ताकि किसी को चोट पहुंचाने से पहले दो बार जरूर सोचें। लेकिन ध्‍यान रखें, बच्‍चों को इतना कमजोर भी ना बनाएं कि कोई अजनबी उन्हें मूर्ख बना जाए। साथ ही अपने बच्चे को सिखाएं कि वह मौखिक या शारीरिक रूप से किसी के प्रति बुरा व्यवहार न करें। फिर भले ही वे उसे पसंद करें या न करें।
बच्‍चों को सिखाएं कि यह गलत बात है – बदलते माहौल में अपने बच्चे के साथ बुलिंग के बारे में बात करनी चाहिए। आपके बच्चे के लिए यह समझना जरूरी है कि अन्‍य बच्‍चे को मार-पीट और धमकाना गलत है। बताएं कि उन्हें न तो किसी को धमकाना चाहिए और न ही चुपचाप स‍हना चाहिए। उन्हें यह बताकर कठिन परिस्थितियों के लिए तैयार करें कि क्या-क्या हो सकता है और खुद को कैसे सुरक्षित रखना है।
​मारें नहीं, ऐसे लगाएं रोक – अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा बात-बात पर दूसरों को धमकी देता है, तो इसे इग्‍नोर न करें। तुरंत इस तरह के टॉक्सिक बिहेवियर को रोकने के लिए कदम उठाएं। स्कूल में आपके बच्चे का व्यवहार कैसा है, यह जानने के लिए रेगुलर टीचर्स से बात करें। पर ध्‍यान रखें कि उन्‍हें मारकर या डांटकर अनुशासित करने का प्रयास करना गलत है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप उन्हें सजा नहीं देंगे। उन्‍हें ऐसी सजा दें कि उन्हें अपनी गलती का एहसास हो और वे इसके लिए माफी भी मांगें।