
गाजा में इजरायली बंधकों की रिहाई के दौरान की जाने वाली हमास की परेड पर इजरायल भड़क गया है। शनिवार को इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इजरायल की जेलों में बंद 620 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई रोकने का फैसला किया। इस कदम के बाद गाजा में जारी युद्धविराम पर खतरा मंडराने लगा है।
इजरायल ने 620 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया है। इन कैदियों को चरमपंथी समूह हमास के साथ बंधक रिहाई समझौते के तहत शनिवार को रिहा किया जाना था। प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया है कि रिहाई रोकने का फैसला हमास के बार-बार युद्ध विराम उल्लंघन चलते किया गया है। अब फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई बंधकों की अगले दौर की वापसी के साथ होने की उम्मीद है।
बंधकों को अपमानित किए जाने से भड़का इजरायल – इजरायली पीएमओ ने एक बयान में कहा, ‘हमास द्वारा बार-बार किए जा रहे उल्लंघनों के मद्देनजर- जिसमें हमारे बंधकों का अपमान करने वाले समारोह और दुष्प्रचार के लिए हमारे बंधकों का निंदनीय उपयोग शामिल है- यह फैसला लिया गया है कि कल होने वाली आतंकवादियों की रिहाई को तब तक के लिए स्थगित कर दिया जाए, जब तक कि बंधकों की अगली रिहाई की अपमानजनक समारोह आयोजित किए बिना गारंटी नहीं हो जाती।’
युद्धविराम के टूटने का खतरा – प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार रात परामर्श बैठक के दौरान रिहाई के संबंध में निर्णय लिया गया। यह फैसला संघर्ष विराम समझौते से इजरायल के पीछे हटने का कारण बन सकता है। समझौते के पहले चरण में 25 जीवित बंधकों की रिहाई और चार अन्य के शवों का वापस लाया गया है, लेकिन गाजा में अभी 63 लोग हैं, जिनमें कम से कम दो दर्जन अभी भी जीवित हैं। पहले चरण की आखिरी नियोजित ट्रांसफर के तहत गुरुवार को 4 अन्य शवों को गाजा से भेजा जाना है।
यहूदी बंधकों की परेड करा रहा हमास – यह कदम हमास के शनिवार को रिहाई के लिए समारोह आयोजित किए जाने के बाद उठाया गया है, जिसमें 5 यहूदी बंधकों को मंच पर परेड कराई गई। वहीं छठा बंधक, जो यहूदी नहीं है, बिना किसी धूमधाम के रिहा कर दिया गया। इसके अलावा को अन्य बंधक जो अभी भी कैद में हैं, उन्हें एक प्रोपेगैंडा वीडियो देखने और रिकॉर्ड करने के लिए मजबूर किया गया।
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