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Israel-Gaza War: इजरायल और हमास के बीच रॉकेट हमले जारी, तबाही का ऐसा मंजर कि युद्ध का डर बैठा


इजरायल का कहना है कि वह ऐसी जगहों को निशाना बना रहा है जहां हमास के उग्रवादी छिपे हैं। इस तरह उसके हमले ताबड़तोड़ जारी हैं। इससे पहले जुलाई-अगस्त 2014 के युद्ध में में इजरायल ने 6000 हवाई हमले किए थे जिससे भारी तबाही मची थी।
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष पुराना है लेकिन पिछले हफ्ते में फिलिस्तीनी संगठन हमास और यरूशलम के बीच हिंसा ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। दोनों ओर से रॉकेट हमले जारी हैं और भारी तबाही का मंजर है। इजरायल के हमले में गाजा की एक बहुमंजिला इमारत जमींदोज हो गई है, तो इसके जवाब में हमास के और ज्यादा रॉकेट गिराने की आशंका खड़ी हो गई है। दोनों में से किसी के भी पीछे हटने की संभावना तो दूर है, बल्कि दोनों ने ही ईंट का जवाब पत्थर से देने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में यहां बड़े युद्ध का डर पैदा हो गया है। पहले भी दोनों के बीच हालात युद्ध की ओर ले जा चुके हैं और एक बार फिर वही नजारे दिख रहे हैं। इस बीच बेगुनाह लोग दोनों ओर अपनी जान की खैर मना रहे हैं।
ताजा हमलों ने दिलाई उस जंग की याद : गाजा से आते रॉकेटों और इजराइल के हवाई हमलों ने बुधवार को 2014 के उस संघर्ष की याद दिला दी जो 50 दिनों तक चला था। इमारतों को निशाना बनाना उन तौर-तरीकों में शामिल है जो 2014 के युद्ध के दौरान भी आजमाए गए थे और अब अंतरराष्ट्रीय अदालत संभावित युद्ध अपराधों के तहत इसकी जांच कर रही है। इजराइल इस अदालत का सदस्य नहीं है और उसने जांच खारिज कर दी है। चरमपंथी समूह गाज़ा ने पुष्टि की है कि इजराइल के हवाई हमले में उसके गाजा सिटी कमांडर की मौत हो गई है। 2014 में फलस्तीनी क्षेत्र में जंग के बाद यह किसी उच्च स्तरीय चरमपंथी की मौत है। लोग उसी तरह बंकरों में छिपने को मजबूर हैं।
‘आंख के बदले आंख’ : प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अरब नागरिकों द्वारा व्यापक प्रदर्शनों को रोकने के लिए इज़राइल जरूरत पड़ने पर अधिक ताकत का इस्तेमाल करेगा। नेतन्याहू ने बुधवार को कहा कि इजराइल सीमा पुलिस बल की तैनाती करके अराजकता रोकेगा। उन्होंने कहा है कि हमास और दूसरे छोटे इस्लामिक संगठन अपनी आक्रमकता की भारी कीमत चुकाएंगे। इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गांट्ज ने भी कहा है कि ये हमले सिर्फ शुरुआत हैं। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि हमला इजरायल पर हो रहा है और हमास सुनयोजित तरीके से नागरकों को निशाना बना रहा है और इजरायल उनकी रक्षा करने के लिए कदम उठाएगा। दूसरी और हमास का कहना है कि अगर इजरायल इसे आगे बढ़ाना चाहता है, तो वह तैयार है। हफ्ते भर से जारी हिंसा कम होती नहीं दिख रही है और रॉकेटों से हमले जारी हैं।
दोहराई न जाए 2014 की तबाही : इजरायल का कहना है कि वह ऐसी जगहों को निशाना बना रहा है जहां हमास के उग्रवादी छिपे हैं। इस तरह उसके हमले ताबड़तोड़ जारी हैं। इससे पहले जुलाई-अगस्त 2014 के युद्ध में में इजरायल ने 6000 हवाई हमले किए थे जिससे भारी तबाही मची थी। फिलिस्तीन और संयुक्त राष्ट्र के आकलन के मुताबिक तब 2250 फिलिस्तीनी, जिनमें 1500 आम नागरिक शामिल थे, मारे गए थे। 11 हजार से ज्यादा घायल हो गए थे। कम से कम 18 हजार फिलिस्तीनियों के घर उजड़ गए थे और 73 मेडिकल फसिलटी तबाह हो गई थीं। इस बार भी जमींदोज होतीं ऊंची-ऊंची इमारतों को देखकर हर किसी के जहन में 2014 का मंजर आ रहा है।
युद्ध की चर्चा क्यों शुरू? : इजरायल और हमास के बीच हिंसा पर पूरी दुनिया की नजर है और चिंता भी है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से कहा कि फलस्तीनियों के प्रति इजराइल के रवैये के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘उसे कड़ा और कुछ अलग सबक सिखाना’ चाहिए। एर्दोगन के बयान से इस विवाद के बड़ा रूप लेने की अटकलें तेज हो गई हैं। दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र के मध्यपूर्व के दूत ने हालात के बड़े युद्ध में तब्दील होने की चेतावनी दे दी है। उन्होंने संबंधित नेताओं से तनाव बढ़ने की जिम्मेदारी लेने को कहा है और जो आग लगी है, उसे रोकने की अपील की है।
इजरायल ने कैसे किया बचाव? : रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास के कब्जे वाले गाजा से सोमवार से बुधवार के बीच 40 घंटों में 1,000 से ज्यादा रॉकेट दागे गए। यूं तो इजरायल ने आयरन डोम डिफेंस सिस्टम से अपनी बड़ी आबादी को इससे सुरक्षित रखा है लेकिन तकनीकी खराबी के चलते कुछ रॉकेट इससे बच निकले। आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत है कि ये रॉकेट्स को रेडार से पकड़कर हवा में मार गिराते हैं। सिर्फ उनका मलबा जमीन पर गिरता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इजरायल के आयरन डोम का सक्सेस रेट 80 से 90% बताया है।