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यहां बच्चियों के लिए मेकअप करना जरूरी, स्कूल व सब्जी लेने जाते भी पड़ता है लगाना


दक्षिण कोरिया में बच्चियों व महिलाओं के लिए मेकअप करना बेहद जरूरी माना जाता है । यही वजह कि यहां मेकअप इंडस्ट्री बेहद फलफूल रही है। यहां की अगर महिलाएं मेकअप न करें तो लोग उन्हें हीन दृष्टि से देखने लगते हैं। हद तो इस बात की है कि स्कूल व सब्जी लेने के लिए भी बच्चियों व महिलाओं के लिए मेकअप करके जाना जरूरी है। बिना मेकअप के महिलाओं को नौकरी तक नहीं मिलती।
ब्यूटी इंडस्ट्री बना रही छोटे बच्चों को निशाना
यहां की महिलाओं ने मीटू अभियान के तहत इस बात का विरोध भी किया था। इसका मतलब ये कि यहां की महिलाएं अब जागरुक हो रही हैं और वह मेकअप नहीं करना चाहती। वह जैसी हैं वैसी ही दिखना चाहती हैं। यही वजह है कि यहां की ब्यूटी इंडस्ट्री अब छोटे बच्चों को निशाना बना रही हैं। महज 7 साल की बच्ची भी स्कूल जाने से पहले मेकअप करना नहीं भूलती। उनके लिए होमवर्क, यूनिफॉर्म जितने जरूरी हैं, उतना ही जरूरी मेकअप भी है। यहां रहने वाली 7 साल की एक बच्ची कहती है, “मेकअप मुझे सुंदर बनाता है।” वह ब्यूटी पार्लर भी जाती है। सुंदर कपड़े और हेयरबैंड के अलावा वह होठों पर लिपस्टिक लगाना भी नहीं भूलती।
दुनिया में सबसे अधिक कॉस्मेटिक सर्जरी दर दक्षिण कोरिया में
बता दें कि दुनिया में सबसे अधिक कॉस्मेटिक सर्जरी दर दक्षिण कोरिया में है और सबसे बड़ा सौंदर्य प्रसाधनों का बाजार भी दक्षिण कोरिया को ही माना जाता है। पिछले वर्ष इस देश ने सौंदर्य बाजार के जरिए 13 बिलियन डॉलर की कमाई की थी। दक्षिण कोरियाई समाज में अच्छा दिखना बेहद अहम माना जाता है। इसी वजह से ब्यूटी पार्लर, मेकअप और ब्यूटी प्रोड्क्ट्स का बाजार वहां बहुत फल फूल रहा है। वहां बेहतर दिखने के लिए प्लास्टिक सर्जरी कराना भी आम है, लेकिन अब कुछ दक्षिण कोरियाई महिलाएं खूबसूरती के परंपरागत पैमानों को चुनौती दे रही हैं और मेकअप के खिलाफ आंदोलन कर रही हैं। इसके पीछे बड़ी वजह सिर्फ ये नहीं है कि दक्षिण कोरिया की महिलाएं मेकअप के परंपरागत पैमानों को तोड़ना चाहती हैं, बल्कि ये औरतें कसे हुए कपड़ों, कोरिया के मशहूर बाउल हेअरकट और चश्मों के खिलाफ भी हैं।

मेकअप का विरोध करने पर मिलती हैं धमकियां
महिलाओं के मुताबिक इन चीजों को त्यागने से वे प्रति महीने 100 डॉलर खर्च होने से बचा लेती हैं। अपनी छोटी सी आजादी के लिए आंदोलन करती महिलाओं को समर्थन कम, गालियां और जान से मारने की धमकी अधिक मिलीं। अब स्कूली बच्चों पर मेकअप करने का दबाव बनाया जा रहा है। वह पहले से ही स्कूल की पढ़ाई को लेकर तनाव में रहते हैं और मेकअप उनपर और तनाव बढ़ा रहा है। अब छोटी-छोटी बच्चियां भी मेकअप को सफलता से जोड़ रही हैं। छोटे बच्चों के लिए बेची जा रही मेकअप किट के विज्ञापन में 6 साल की बच्ची बोलती है “मैं अपनी मां को देखती हूं और उन्हें ही फॉलो करती हूं। मैं आज आगे बढ़ रही हूं।”