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रूस से जयशंकर ने दिया चीन को कड़ा संदेश, बोले- सीमा समझौते को न मानने से गड़बड़ाई आपसी संबंधों की नींव

लद्दाख में जारी तनाव को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस की राजधानी मॉस्को से कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि बीते एक साल से भारत चीन संबंधों को लेकर चिंता पैदा हुई है क्योंकि पेइचिंग मा मुद्दे को लेकर समझौतों का पालन नहीं कर रहा है। यही कारण है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद गड़बड़ा रही है। जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर मॉस्को पहुंचे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की है।
चीन ने सीमा समझौतों का नहीं किया पालन : मॉस्को में प्राइमाकोव इंस्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड इकनॉमी ऐंड इंटरनेशनल रिलेशन्स में भारत और चीन के संबंधों के बारे में एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि बीते चालीस साल से चीन के साथ हमारे संबंध बहुत ही स्थिर थे…चीन दूसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार के रूप में उभरा। लेकिन, बीते एक वर्ष से, इस संबंध को लेकर बहुत चिंता उत्पन्न हुई क्योंकि हमारी सीमा को लेकर जो समझौते किये गये थे चीन ने उनका पालन नहीं किया।
सीमा पर शांति होना पड़ोसी के साथ संबंधों की पहली बुनियाद : उन्होंने कहा कि 45 साल बाद, वास्तव में सीमा पर झड़प हुई और इसमें जवान शहीद हुए। किसी भी देश के लिए सीमा का तनावरहित होना, वहां पर शांति होना ही पड़ोसी के साथ संबंधों की बुनियाद होता है। इसीलिए, बुनियाद गड़बड़ा गयी है और संबंध भी। 2020 में जब भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर था तब रूस ने ही दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की थी। मॉस्को में आयोजित एससीओ की बैठक के दौरान भारतीय रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने चीनी समकक्षों के साथ बैठक कर तनाव कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।