
तोक्योः जापान की राजधानी तोक्यो के सबवे में जानलेवा सारिन गैस हमले के दोषी डूम्सडे पंथ के नेता शोको असहारा और उसके 6 समर्थकों को शुक्रवार को फांसी पर लटका दिया गया। शोको अमु शिनरीक्यिो संप्रदाय से था और 1995 में उसने इस घटना को अंजाम दिया था जिसमें 13 लोग मारे गए थे और हजारों की संख्या में लोग इससे प्रभावित हुए थे। उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। मौत की सजा होने से पहले शोको असहारा ने 22 साल जेल की सजा काटी।
न्याय मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘सात अमु सदस्यों को मृत्युदंड दिया गया जिसमें शोको असहारा भी शामिल है।’ नर्व एजेंट हमला मामले में फांसी की यह पहली सजा दी गई है अभी इस पंथ के 6 और सदस्यों को मौत की सजा तामील होनी बाकी है। 1995 में हुए भीषण हमले से प्रभावित लोगों ने दोषियों को फांसी दिए जाने की खबर का स्वागत किया। सीएनएन के मुताबिक, साल 2006 में असहारा को मौत की सजा सुनाई गई थी।
दृष्टिहीन शोको ने 1980 में डूम्सडे पंथ की स्थापना की। उसकी छवि ऐसे करिश्माई नेता की थी जिससे प्रभावित हो कर शिक्षित लोग यहां तक कि डॉक्टर और वैज्ञानिक तक उसके पंथ में शामिल हो गए थे। हालांकि इस पंथ को लेकर हमेशा से ही देश में शंका थी।
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